समग्र विकास के सृष्टा में डॉ. अम्बेडकर

उत्कृष्ट विद्यालय में मनाई गई अम्बेडकर जयंती
सीहोर।  भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 127वीं जयंती की पूर्व संध्या में डॉ. अम्बेडकर जयंती भव्य रूप से आयोजित की गई। विद्यालय सभागार मे विद्याथियों के बीच  मुख्य  अतिथि आर एन सुनगरिया लेखक  कवि व सम्पादक भिलाई प्रकाशन ने डॉ. अम्बेडकर के जीवन व कृत्र्तव्य पर प्रकाश डाला। आपने डॉ. अम्बेडकर को अन्तर्राष्ट्रीय महापुरूष निरूचित करने हुए कहा कि संघर्षी पर चलकर डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने अपनी पहचान विश्व पटल पर स्थापित की है। अध्यक्षता करते हुए संस्था प्रमुख रवीन्द्र बांगरे ने डॉ. अम्बेडकर के समग्र जीवन पर सविस्तार प्रकाश डाला। आपने कहा कि डॉ. अम्बेडकर  समग्र विकास के सृष्टा थे। विधिवेता, दार्शनिक, अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री व शिक्षाविद् डॉ. भीमराव अम्बेडकर आधुनिक भारत के सृष्टा व संविधान के मुख्य शिल्पकार थे। 
मानव के मूलभूत अधिकारों  के लिए अम्बेडकर  जी ने संविधान में जो व्यवस्था दी वह अनुपम व श्रेष्ठतम उदाहरण बनकर मानव विकास का पर्याप्त वन चुके है। बच्चों को बालक भीमराव स विश्व पुरूष डॉ. भीमराव  अम्बेडकर की जीवन गाथा को विस्तारपूर्वक बताया कि
  इस अवसर  पर वरिष्ठ व्याख्याता ज्योत्स्ना शर्मा, राशिदा खान, ह्यएन एस एस कार्यक्रम अधिकारी डी के राय, ईश्वर सिंह सिनोरिया, पं. गणेश शर्मा, रामवृक्ष भार द्वारा ने भी विचार प्रस्तुत किए। भूगोल विभाग प्रमुख एच एन वर्मा व्याख्याता ने कार्यक्रम का श्रेष्ठ संचालन किया।

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