इलाज के लिए मुख्यमंत्री को लिखा पत्र व शिक्षा मंत्री को मेल किया
चिरायु अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती छोटी बाई शर्मा
सीहोर। बात 2 जुलाई 1965 की है, उस दौर में साधारणतः महिलाओं का जीवन घर के कामकाज तक ही सीमित रहता था। इस दौर में महिलाओं के उत्थान और समाज की सोच बदलने के लिए छोटी बाई शर्मा इछावर की पहली महिला शिक्षक बनकर बच्चों को पढ़ाने लगीं। इछावर के जिस शासकीय स्कूल में एडीटी पर ज्वाइन किया वहीं से यूडीटी पर 1999 में सेवानिवृत्त हुईं। वक्त के साथ हालात बदलते गए और अब जुलाई 2017 से छोटी बाई चिरायु अस्पताल में कैंसर से लड़ रही हैं। बीमारी के साथ आर्थिक तंगी ने उनका दर्द और बढ़ा दिया है। सीएम से लेकर शिक्षा मंत्री तक को पत्र लिखने के बाद भी उनकी किसी ने सुध नहीं ली। शासन के नियमानुसार रिटायर्ड महिला शिक्षक के लिए निशुल्क इलाज का प्रावधान है।
इछावार निवासी शिक्षक आरडी शर्मा की पत्नी छोटी बाई शर्मा ने महिलाओं के उत्थान के लिए शिक्षिका बनने की ठानी। इसके लिए एमए हिंदी प्लस बेसिक ट्रेंड की डिग्री लेकर 2 जुलाई 1965 को इछावर के शासकीय माध्यमिक स्कूल में समाज के विरोध के बाद भी एडीटी के रूप में ज्वाइन किया। स्कूल में जहां हजारों बच्चों का भविष्य संवारा, वहीं देवर केएन शर्मा को अपनी पगार खर्च डॉक्टर बनाया। इस दौरान महिलाओं की नौकरी को लेकर समाज ने कई तरह की बात कही, लेकिन वह अपनी सफलता का परचम लहराने 1999 तक डटी रही। इसके बाद वह सेवानिवृत्त हो गईं लेकिन 14 जुलाई 2017 को वह गंभीर स्थिति में इछावर सामूदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती हुई। यहां फैफड़ों में इंफेक्शन बताया। इसके बाद 12 अगस्त को वापस दाखिल किया। यहां से 17 अगस्त को पीपुल्स हास्पिटल रेफर किया। यहां उन्हें कैंसर बताया। इसके बाद से चिरायु में उनका इलाज चल रहा है।
वेदानायुक्त पत्र सीएम को भेजा, शिक्षा मंत्री को भी कराया अवगत
छोटी के पति व सेवानिवृत्त शिक्षक आरडी शर्मा ने बताया कि पत्नी के इलाज के लिए मंत्रालय में पत्र प्रेषित किया जा चुका है। यही नहीं स्कूल शिक्षा मंत्री को भी पूरे मामले से डाक से अवगत कराया जा चुका है। एक वेदनायुक्त हस्तलिखित पत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी मेल किया। दूसरी बार स्मरण भी कराया। इस पर भी उन्हें सरकार इलाज मुहैया नहीं करा पा रही है।
मदद करेंगे
यदि शासन की तरफ से रिटायर शिक्षिका के निशुल्क इलाज का प्रावधान है तो मदद की जाएगी। वहीं पारिवारिक आर्थिक तंगी है तो भी मेरी तरफ से हर संभव मदद कर बेहतर इलाज कराया जाएगा।
-तरूण पिथोड़े, कलेक्टर
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