सलमान को काले हिरण शिकार केस में 5 साल की सजा, जमानत पर कल सुनवाई

समीर सोनी ने कोर्ट के फैसले पर जताया दुख

काला हिरण मामले में सलमान खान के अलावा सैफ अली, सोनाली, तब्बू और नीलम बरी को कोर्ट ने बरी कर दिया है. एक्ट्रेस नीलम ने पति समीर सोनी ने अपनी पत्नी के बरी होने पर खुशी जताई लेकिन साथ ही सलमान खान के लिए दुख भी जाहिर किया.

समीर सोनी ने कहा, “हम हमारे फैसले के लिए खुश हैं लेकिन सलमान खान के लिए दुखी हैं. इस मामले में पूरी तरह से न्याय नहीं किया गया है. मुझे दुख है.”

जोधपुर सेंट्रल जेल पहुंचे सलमान

सलमान खान जोधपुर की सेंट्रल जेल पहुंच चुके हैं. कम से कम एक रात उन्हें जेल में ही बितानी होगी. उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई कल यानी कि शुक्रवार को जोधपुर सीजन कोर्ट में होगी.

कोर्ट से जेल के लिए रवाना सलमान

सलमान खान को मेडिकल के लिए ले जाया गया है. जेल जाने से पहले सलमान खान का मेडिकल चेकअप होगा, उसके बाद उन्हें जोधपुर के सेंट्रल जेल भेजा जाएगा.

कोर्ट से जेल के लिए रवाना सलमान

सलमान खान को मेडिकल के लिए ले जाया गया है. जेल जाने से पहले सलमान खान का मेडिकल चेकअप होगा, उसके बाद उन्हें जोधपुर के सेंट्रल जेल भेजा जाएगा.

सलमान खान दोषी करार दिए गए हैं, लेकिन अभी सजा का ऐलान नहीं हुआ है.

सलमान खान दोषीः हो सकती है 6 साल की सजा

कोर्ट में सजा पर बहस के दौरान सरकारी वकील ने इस मामले में अधिकतम सजा की मांग की. सरकारी वकील के मुताबिक, सलमान को इस मामले में 6 साल की सजा हो सकती है. सरकारी वकील ने दलील दी कि सलमान आदतन अपराधी हैं और उन्हें अधिकतम सजा दी जाए.

सलमान खान दोषीः वकील ने कम सजा देने की मांग की

सलमान खान के वकील ने कोर्ट से निवेदन किया है कि सलमान खान को कम से कम सजा दी जाए. वकील का कहना है कि सलमान अच्छे आदमी हैं और सामाजिक कामों में हमेशा लगे रहते हैं.

सलमान खान दोषीः कुछ देर में सजा का ऐलान

कोर्ट की तरफ से दोषी करार दिए जाने के बाद कोर्ट में सजा पर बहस पूरी हो गई है. कुछ ही देर में सजा का ऐलान हो सकता है.

सोनाली बेंद्रे को भी सबूतों की कमी का मिला फायदा

 

 

 

नीलम को कोर्ट से मिली राहत

 

तब्बू को भी कोर्ट ने किया बरी

 

सलमान खान दोषीः सजा पर हो रही है बहस

अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद कोर्ट में सलमान की सजा पर बहस हो रही. सलमान के वकील कम से कम सजा देने की मांग कर रहे हैं.

सैफ अली खान बरी

पत्नी करीना कपूर खान के साथ बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान

सलमान खान दोषीः अब सेशन कोर्ट में करेंगे अपील

सलमान के वकील का कहना है कि सीजेएम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ वे सेशन कोर्ट में अपील करेंगे.

सलमान खान दोषी करार

जोधपुर कोर्ट ने सलमान खान को दोषी करार दिया है, वहीं सलमान के अलावा दूसरे आरोपी सैफ अली खान, तब्बू और नीलम को बरी कर दिया गया है.

 

कोर्ट पहुंचे सलमान खान

सलमान जोधपुर कोर्ट पहुंच चुके हैं, थोड़ी ही देर में काले हिरण शिकार मामले में फैसला आएगा.

 

सैफ अली खान भी कोर्ट पहुंच चुके हैं.

 

तब्बू और सोनाली बेंद्रे भी कोर्ट पहुंचे

 

कोर्ट के लिए रवाना हुए सलमान खान

सलमान खान अपने होटल से कोर्ट के लिए रवाना हो चुके हैं. थोड़ी देर में फैसला सुनाया जाएगा.

 

कोर्ट के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम

जोधपुर कोर्ट के बाहर सलमान के फैंस की भीड़ लगी है. कोर्ट के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.

 

 

काले हिरण के शिकार के मामले में सलमान खान के खिलाफ जोधपुर कोर्ट आज फैसला सुनाएगी. वाइल्ड लाइफ एक्ट की धारा 149 के तहत इस मामले में सात साल अधिकतम सजा का प्रावधान है. इस मामले में अंतिम बहस 28 मार्च को हुई थी. गुरुवार को सुबह साढ़े दस बजे से सुनवाई शुरू होगी. सलमान खान समेत केस में आरोपी दूसरे कलाकार सैफ, सोनाली और तब्बू भी एक दिन पहले ही जोधपुर पहुंच गए हैं.

क्या है मामला

सलमान खान पर जोधपुर में 1998 में फिल्म “हम साथ-साथ” हैं की शूटिंग के दौरान 3 काले हिरणों और 2 चिंकारा के शिकार का आरोप लगा. इन मामलों में सोनाली बेंद्रे, सैफ अली खान, तब्बू और नीलम पर उन्हें शिकार के उकसाने का आरोप लगा. इन मामलों में वो 2 बार जोधपुर की जेल में भी रहे. करीब 20 साल बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक सलमान पर इनकी तलवार लटकी हुई है. जेल जाने का खतरा बना हुआ है.

2 अक्टूबर, 1998 को इस मामले में बिश्नोई समाज ने पुलिस थाने में सलमान खान समेत सैफ अली खान, नीलम, तब्बू और सोनाली बेंद्रे सभी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.

उसी साल दिसंबर में पार्टी ने मुंबई के बांद्रा में एक सम्मेलन किया. इस समारोह का उद्घाटन वाजपेयी ने किया. उन्होंने प्रसिद्ध समाज सुधारक ज्योतिबा फुले की मूर्ति को माला पहनाई. वहीं, दलित नेता दत्तात्रेय राव शिंदे ने भूमि पूजन किया. प्रतीकों की ये राजनीति, किसी से छिपी नहीं थी.

आरएसएस और जनसंघ के कुछ बड़े नेताओं की मदद से नई पार्टी बीजेपी को सरकार में रहने का अनुभव था. फिर भी उन्होंने स्व-शासन, शक्ति का विकेंद्रीकरण और राजनीति नहीं लोकनीति की एक गांधीवादी समाजवादी विचारधारा को अपनाने का फैसला किया.

माना जाता था कि वाजपेयी, पिछड़ी जाति के वोटरों के अलग होने से डरते थे और इसलिए उन्होंने आरएसएस के हिंदुत्व की विचारधारा को तुरंत नहीं अपनाया.

यही नहीं, उन्होंने पार्टी के संविधान में सेक्युलर शब्द को जोड़ने पर जोर दिया. लेकिन 1984 के चुनावों में बीजेपी को सिर्फ दो लोकसभा सीटें मिलीं. एक और दिक्कत की बात ये थी कि ग्वालियर सीट से पार्टी अध्यक्ष वाजपेयी, माधवराव सिंधिया से 2 लाख वोटों के बड़े अंतर से हार गए. इस अपमानजनक हार ने सब कुछ बदल दिया.

हालांकि, उदारवादी वाजपेयी पार्टी का चेहरा बने रहे. वहीं, लाल कृष्ण आडवाणी, बीजेपी और हिंदुत्व एजेंडे के पोस्टर बॉय बन गए. दोनों ने मिलकर रथ यात्रा शुरू की जो देश और बीजेपी की चुनावी किस्मत को बदलने वाली थी.

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