पाकिस्तान का कहना है कि सैन्य अदालत के फांसी के फैसले के खिलाफ कुलभूषण जाधव सेना प्रमुख और इसके बाद राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर कर सकते हैं
पाकिस्तान ने गुरुवार को साफ किया है कि कुलभूषण जाधव को सजा संबंधी प्रक्रियाएं पूरी होने से पहले फांसी नहीं दी जाएगी. खबर के मुताबिक विदेश विभाग के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘जाधव को तब तक फांसी नहीं दी जाएगी जब तक वे दया याचिका दायर करने संबंधी अधिकार का इस्तेमाल नहीं कर लेते.’ बताया जाता है कि जाधव पाकिस्तानी सैन्य अदालत के फैसले के खिलाफ सेना प्रमुख और इसके बाद राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर कर सकते हैं.
नफीस जकारिया ने कहा कि आईसीजे में भारत ने जाधव को राजनयिक संपर्क देने के लिए याचिका दायर की है. उनका यह भी कहना था कि भारत सरकार ने मीडिया का गलत इस्तेमाल करके यह भ्रांति फैलाई कि जाधव मामले में भारत आईसीजे में जीत गया है. जकारिया ने कहा, ‘दोनों देशों में जो चर्चा शुरू हुई है उसमें पूरी तरह से मामले की समझ का अभाव दिखता है.’
विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि जाधव द्वारा पाकिस्तान में जासूसी तथा आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के कबूलनामे के आधार पर 23 जनवरी को इस्लामाबाद ने भारत को जानकारी मुहैया कराने के लिए कहा था. उनका आगे कहना था कि पाकिस्तान द्वारा इस बारे में कई बार याद दिलाने के बावजूद भारत ने जानकारी नहीं दी. नफीस जकारिया ने बीते 18 मई को जाधव की फांसी पर अंतिम फैसला आने संबंधी रोक को सामान्य बताया. इस मामले की सुनवाई को लेकर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के साथ भारत और पाकिस्तान की अगली बैठक आठ जून को तय है
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