सौम्या रेप-हत्याकांड: भिखारी आरोपी ने वकील को कैसे दिए 15 लाख?

सौम्या रेप और हत्याकांड के आरोपी को जो वीआईपी ट्रीटमेंट मिल रहा है वह कभी रेप और हमले का शिकार होने के बाद अस्पताल में जिंदगी से जूझने दौरान पीडि़ता को भी नहीं मिला था। जिस आरोपी गोविंदाचामी को एक हाथ का भिखारी बताया जा रहा था वह अपने समुदायिक रसूक के जरिए फांसी की सजा से बच निकला।

मामला बलात्कार करने के बाद हत्या करने का था जो दुर्लभतम अपराध माना जा रहा था। मामले की ठीक से पैरवी न होने के कारण गोविंदाचामी को मौत की सजा नहीं मिल सकी। ऐसे में अदालत को दोषी नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि वह अनुमान के बजाए ठोस सबूतों के आधार पर कार्रवाई करती है।

लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि बलात्कार और हत्या के आरोपी के पीछे कौन है जो उसका केस लड़ने के लिए सबसे मंहगे वकीलों में से एक को हायर किया है।

गोविंदाचामी के बचने के पीछे किसका हाथ है?

एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, गोविंदाचामी के केस को लड़ने वाला वकील एक अपराधिक केस की फीस पांच लाख रुपए लेते हैं। नाम है बीए अलूर। मामले पर अलूर कहना है कि उनका कर्तव्य केवल क्लाइंट के पक्ष को सही से रखना है। अलूर ने मीडिया को बताया कि इस केस में वह अभी तक 15 लाख रुपए ले चुके हैं क्योंकि उन्होंने केस को तीन अदालतों में फाइल किया है। हालांकि इन बातों से किसी को कोई लेना देना नहीं होना चाहिए।

मामले की पड़ताल करने में आगे पता चला है कि 2011 में जब सौम्या का बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या की गई थी तब पुलिस ने गोविंदाचामी का नाम एफआईआर में चार्ली थॉमस था। चार्ली के ग्रुप जिन लोगों ने उसे बचाने के लिए मंहगा वकील किया है उस ग्रुप पर लूट का मामला चल रहा था। इस मामले को भी वकील अलूर लड़ चुके हैं।

लेकिन अब सवाल यह भी है कि यह ग्रुप एक हाथ के भिखारी को बचाने के लिए उसका ग्रुप लाखों रुपए क्यों पानी की तरह बहा रहा है? क्या लूट और हत्या का बहुत बड़ा खेल चल रहा है जिसमें गोविंदाचामी शामिल है।

मामले की सुनवाई के दौरान एक जज ने भी एक बार कहा था कि केस कई परतों में उलझा नजर आ रहा है इसकी फिर से पूरी जांच होनी चाहिए। बलात्कार और हत्या का जुर्म कुबूल करने वाला गोविंदाचामी हर पेशी के दौरान खुश नजर औता है और पुलिस हिरासत में उसकी मेहमाननवाजी भी होती है।

कैसे हुआ था सौम्या का कत्ल?
अदालत में दर्ज हुए आरोपी के बयान के अनुसार, एक फरवरी 2011 की शाम को तमिलनाडु के एर्नाकुलम के शर्नर पैसेंजर ट्रेन के जिस डिब्बे पर आरोपी गोविंदाचामी सवार हुआ उसमें पहले से ही सौम्या मौजूद थी। सौम्या अकेली थी।

बोगी में कोई और यात्री न देखकर आरोपी ने सौम्या का सिर ट्रेन की दीवार से कई बार टकराया। सिर में गंभीर चोंट लगने से सौम्या बेहोश हो गई जिसके बाद आरोपी ने उसे बोगी से नीचे फेक दिया। सौम्या के नीचे गिरने के बाद वह भी ट्रेन से कूद गया।

इसके बाद आरोपी ने सौम्या को घसीटकर झाडि़यों में ले गया और उसका बलात्कार किया। इस दौरान उसने सौम्या पर और हमले किए और उसे मार-मार कर अचेत कर दिया और फिर छोड़कर भाग गया।

अगले दिन लोगों को अर्धनग्न युवती बुरी तरह से घायल अवस्‍था में कराहती हुई मिली। पुलिस को सूचना मिलने के बाद उसे निकट के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। सौम्या का पांच दिन तक सरकारी अस्पताल में ही इलाज चलता रहा और सुविधाओं के अभाव में अंत में उसने दम तोड़ दिया।

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