स्वतंत्रता दिवस पर केंद्र का निर्देश मानने से ममता सरकार का इंकार

नई दिल्ली. स्वतंत्रता दिवस से पहले केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से देशभक्ति की भावना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यू इंडिया (नया भारत) की सोच को लेकर जोश जगाने के लिए स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित करने को कहा है. हालांकि पश्चिम बंगाल की सरकार ने स्कूलों को केंद्र का सर्कुलर न मानने का निर्देश दिया है. केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ममता बनर्जी की अगुआई वाली तृणमूल सरकार के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री के संकल्प सिद्धि का शपथ दिलाना या स्वतंत्रता संग्राम या विभिन्न युद्धों, आतंकी हमलों में शहीदों को याद करना स्कूलों के लिए बाध्यकारी नहीं है. यह सेक्यूलर एजेंडे का हिस्सा है, राजनीति पार्टी का एजेंडा नहीं. उन्होंने पश्चिम बंगाल सर्व शिक्षा मिशन के राज्य परियोजना निदेशक का मेमो भी दिखाया. मेमो में स्कूल शिक्षा विभाग को केंद्र के सर्कुलर के आधार पर स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाने को कहा गया है. एचआरडी मंत्रालय के संयुक्त सचिव मनीष गर्ग ने स्कूलों में कार्यक्रम आयोजन के लिए राज्यों को पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि उम्मीद है देश भर में त्योहार और देशभक्ति की भावना जगाने के उद्देश्य से इस महत्वपूर्ण अवसर को मनाया जाएगा. यह नए भारत की सोच के मिशन में देश के हर नागरिक को शामिल करने के लिए आंदोलन है. नए भारत की सोच गरीबी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, सांप्रदायिकता और जातिवाद मुक्त भारत है. पत्र में सभी राज्यों से नौ से 30 अगस्त तक चलने वाले कार्यक्रम का प्रचार करने को कहा गया है ताकि मिशन को लेकर लोगों में उत्साह जागे. गर्ग ने कहा कि सीबीएसई से संबद्ध स्कूल समेत सभी स्कूलों को शपथ ग्रहण के अलावा स्वतंत्रता संग्राम और देश के विकास पर क्विज प्रतियोगिता कराने को भी कहा गया है. इन्हीं विषयों पर पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाएगा.

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