स्वास्थ्य नवाचारों के लिये मध्यप्रदेश को तिरुपति में मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

भोपाल :केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आज तिरुपति के गुड प्रेक्टिसेस समिट में मध्यप्रदेश के नवाचारों को सराहा एवं पुरस्कृत किया गया। प्रसव सेवाओं पर नागरिकों के होने वाले न्यूनतम खर्च के मामले में मध्यप्रदेश को देश में तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे.पी. नड्डा और केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने प्रदेश की प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्रीमती गौरी सिंह और मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री व्ही. किरण गोपाल को ट्रॉफी एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किया। भारत सरकार द्वारा हर साल की जाने वाली स्वास्थ्य नवाचारों की यह समिट 29 से 31 अगस्त तक तिरुपति (आन्ध्रप्रदेश) में हो रही है।

प्रदेश के 4 नवाचार का चयन

समिट में प्रस्तुतिकरण के लिये प्रदेश के चार नवाचार का चयन किया गया है। ये हैं केंसर केयर मॉडल, ई-वैक्सीन मॉनीटरिंग सिस्टम, अधिकारियों एवं कर्मचारियों का कार्य आधारित मूल्यांकन तथा राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन में स्वास्थ्य संस्थाओं एवं सुविधाओं का बेस लाइन सर्वे। केंसर उपचार को अब तक सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों का विषय माना जाता था, लेकिन मध्यप्रदेश में प्रोटोकॉल के अनुरूप व्यवस्थाएँ एवं प्रशिक्षण उपलब्ध करवाकर इसे प्रत्येक जिला अस्पताल में उपलब्ध करवाया गया है। इसी प्रकार ई-वैक्सीन मॉनीटरिंग सिस्टम में शीत श्रंखला की तापमान सहित मॉनीटरिंग का तंत्र प्रदेश में स्थापित किया गया है।

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प्रदेश में एनएचएम में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कार्य आधारित मूल्यांकन व्यवस्था स्थापित की गयी है। इसमें उनके कार्य एवं दक्षता का वार्षिक मूल्यांकन कर उन्हें आवश्यकतानुसार सेवा वृद्धि दी जा रही है। इससे लोगों को बेहतर सेवाएँ प्राप्त हो रही हैं। राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन में स्वास्थ्य संस्थाओं एवं सुविधाओं का बेस लाइन सर्वे कार्य प्रदेश में किया गया है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं एवं सुविधाओं की उपलब्धता एवं प्रबंधन आसान हुआ है। प्रदेश के इन नवाचारों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है।

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प्रस्तुतिकरण में प्रदेश के पोस्टर सराहे गये

समिट में पोस्टर प्रस्तुतिकरण में प्रदेश के शिशु स्वास्थ्य सेवा प्रदायगी मॉडल, महिला स्वास्थ्य शिविर तथा पीपीआईयूसीडी निवेशन के लिये स्थापित व्यवस्था का चयन किया गया। प्रदेश के शिशु स्वास्थ्य सेवा प्रदायगी मॉडल के अंतर्गत बीमार शिशुओं का बेहतर प्रबंधन करते हुए शिशुओं को उनकी बीमारी की गंभीरता के आधार पर प्राथमिकता देते हुए उपचार किया जाता है। महिला स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से प्रदेश की समस्त महिलाओं के वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था हुई है। परिवार कल्याण कार्यक्रम में प्रसव के पश्चात आईयूसीडी निवेशन के लिये प्रदेश में जो व्यवस्थाएँ एवं माहौल स्वास्थ्य संस्थाओं में स्थापित किया गया है, उसे राष्ट्रीय स्तर पर अनुकरणीय माना गया है। समिट में प्रदेश से नवाचारों से संबंधित कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अर्चना मिश्रा, डॉ. राजश्री बजाज, डॉ. प्रभाकर तिवारी एवं श्री विपिन श्रीवास्तव शामिल हुए।

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