हमनें माना कि सच्चर रिपोर्ट के अनुसार पिछड़ गया मुसल-
मान , लेकिन कुछ ज़िम्मेदारियाँ हमारी भी तो बनती हैं समाज
के प्रति देश के हर वर्ग के प्रति और वो ज़िम्मेदारियाँ जो बिना
किसी चंदे और धंदे के।
मदरसा दीनियात [एम.डी.हाई स्कूल -इंग्लिश मीडीयम]
जिंसी भोपाल का वार्षिक उत्सव – २०१४ माननीय राजयमंत्री
दीपक जोशी जी के मुख्य आतिथ्य , शहर क़ाज़ी मौलाना सय्यद
मुश्ताक़ अली ”नदवी” साहब कि अध्यक्षता व मध्य विधानसभा
के भाजपा विधायक माननीय सुरेन्द्र नाथ सिंह ”मम्मा” , प्रो
हलीम सा. छेत्रिय पार्षद अज़ीज़ उद्दीन के आतिथ्य में संपन्न।
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मदरसा दीनियात जो अब दीनी-तालीम के साथ-साथ एम.डी.
हाई स्कूल [इंग्लिश मीडीयम] के नाम से भी जाना जाता हैं जहां
न सिर्फ दीनी तालीम बल्कि दुनियाबी तालीम के साथ बालक-
बालिकाओं को सवतः रोज़गार के लिए कंप्यूटर साइंस ,
आईटीआई के समकक्ष सभी ट्रेड , व ख़ास तोर पर बालिकाओं
को फेशन डिज़ाइन , कढ़ाई-बुनाई और दीगर घरेलु रोज़गार कि
ट्रैनिंग दी जाती हैं।
हम बात कर रहें हैं सन १९४८ से स्थित मदरसा दीनियात जिंसी
रोड जहांगीराबाद कि जो एक महिला [सवर्गीय बदर आपा] ने
अपनी मौरूसी जायदाद को वक़फ़ कर वक़फ़ बोर्ड मध्यप्रदेश के
ज़ेरे निगरानी में देकर खुद ही बिना पैसों के मदरसा चालू कर
आसपास के गरीब बच्चों को दिनी तालीम देने का बीड़ा उठाया
था , जो सिलसिला लगभग ५५ से ६० साल चला। इसके बाद
वक़फ़ बोर्ड ने जो कमेटी ऐसे लोगों को लेकर बनाई उस समय
छात्र-छात्राओं कि संख्या सिर्फ ६० थी जिन्होंने दीनी तालीम के
साथ-साथ इंग्लिश मीडियम स्कूल कि शुरुआत कर जो शुरुआत
कि आज ६०० विद्यार्थी अध्यनरत हैं और दसवीं कक्षा तक पहुँच
गए विद्यार्थी।
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मो तारिक़
[सदस्य , मदरसा दीनियात जिंसी , ज़ेरे निगरानी वक़फ़ बोर्ड
कमेटी मध्यप्रदेश शासन भोपाल]
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