हॉरर सीरियल देखा और तकिए से मुंह दबाकर कर दी प्रेमिका की हत्या

भोपाल। साकेत नगर के मकान नंबर-63 ए-3 में पहली मंजिल पर घर के अंदर कब्र में मिली 28 वर्षीय श्वेता उर्फ आकांक्षा शर्मा की लाश उदयन ने करीब साढ़े 7 महीने पहले दफन की थी। उसने 14 जुलाई की रात झगड़े के बाद 15 जुलाई की सुबह 4 बजे सोते समय श्वेता का तकिए से मुंह दबा दिया था। कुछ देर तक छटपटाने के बाद श्वेता के शरीर में हरकत बंद हो गई। हत्या के बाद उसने शव दूसरे कमरे में ले जाकर लोहे के बॉक्स में रखकर सीमेंट के घोल से चुन दिया। हत्या की इस पूरी वारदात को उदयन ने अमेरिका के एक हॉरर सीरियल ‘वॉकिंग डेथ के एक चरित्र को देखकर रची थी।
यह खुलासा उदयन दास ने पुलिस की पूछताछ में किया।
हालांकि, उसके हर मिनट बयान बदलते रहने के कारण पुलिस अभी उसकी किसी भी बात को सही नहीं मान रही है। यहां पोस्टमार्टम के बाद डॉक्टरों ने मृतका के छोटे भाई आयुष को शव पश्चिम बंगाल के बांकुरा ले जाने से मना कर दिया। आयुष ने बहन का अंतिम संस्कार घर ले जाकर करने की इच्छा जताई थी।
टीआई गोविंदपुरा दिनेश चौहान ने बताया कि वर्ष 2007 में उदयन की सोशल साइट पर श्वेता से पहचान हुई थी। आरोपी ने खुद को इंडियन फॉरेन सर्विसेस (आईएफएस) का अधिकारी बताते हुए दोस्ती की थी। उसने खुद को दिल्ली में ही पदस्थ बताया था। जयपुर में एमएससी कंप्यूटर से करने के बाद श्वेता वर्ष 2014-15 में दिल्ली शिफ्ट हो गई थी। वह परिजनों को प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने का कहकर आ गई थी।
इसके बाद ही दोनों काफी करीब आ गए। बताया जाता है कि उदयन के साथ ही श्वेता उसके घर पर रहने लगी थी। परिजनों को उनकी दोस्ती के बारे में पता था। लंबे समय तक दिल्ली में रहने के बाद जून 2016 में वह श्वेता को अपने साथ भोपाल ले आया, लेकिन यहां आने के बाद उनके बीच झगड़े होने लगे।
दोनों को एक-दूसरे पर अफेयर होने का संदेह था। दोनों का एक-दूसरे का किसी और के साथ मिलना-जुलना पंसद नहीं था। लोगों ने दोनों को कभी खूब झगड़ते तो कभी खूब हंसकर बातें करते देखा था। झगड़ा इतना बढ़ गया कि उदयन ने श्वेता को रास्ते से हटाने का फैसला कर दिया। हत्या से करीब 15 दिन पहले ही उदयन ने सीमेंट की बोरियां खरीद ली थी। उसने श्वेता को बताया था कि छत पर कुछ काम कराना है।
रात को हुआ झगड़ा तड़के कर दी हत्या
उदयन काफी समय से हत्या की योजना बना रहा था, लेकिन हत्या नहीं कर पा रहा था। 14 जुलाई की रात दोनों के बीच करीब दो घंटे तक जमकर झगड़ा हुआ। दोनों बिना खाना खाए ही सो गए। जैसा उदयन ने बताया ‘श्वेता तो सो गई, लेकिन उसकी नींद नहीं लगी। वह रात भर सोचता रहा। सुबह करीब 4 बजे उसने धीरे से श्वेता के सीने पर बैठकर तकिए से उसका मुंह दबा दिया। कुछ देर तक श्वेता छटपटाती रही, लेकिन जल्द ही वह शांत हो गई। उसके बाद भी मैंने करीब 2 मिनट तक उसका मुंह दबाएं रखा। तकिया हटाकर दोनों हाथ से उसका गला दबाना शुरू कर दिया, ताकि कहीं कोई गुजाईश न हो।
बॉक्स में लाश रखकर लगा दिया ताला
हत्या के बाद वह श्वेता की लाश घसीटते हुए बाजू वाले कमरे में ले गया। यहां उसने सामान से भरा बॉक्स खाली किया और उसमें श्वेता की लाश रख दी। बाहर से कमरे का ताला लगाकर पिपलानी से रवि नाम के मजदूर को घर ले आया। उससे छत पर कुछ काम के लिए रेत, सीमेंट का गारा तैयार करवाया। रवि के गारा बनाने के दौरान उदयन ने सीमेंट का घोल बनाकर बॉक्स में भर दिया। घोल डालने के पहले उसने श्वेता के सिर को कपड़े से बांधकर पॉलीथिन से लपेट दिया था। इसके बाद गारे से बॉक्स के चारों तरफ दीवार उठाकर उसमें भी गारा भर दिया।
ताबूत में रखवाया शव, परिजनों को बुलाया भोपाल
गोविंदपुरा पुलिस के एसआई सत्येंद्र सिंह कुशवाह ने बताया कि सरनी बांकुरा पश्चिम बंगाल की रहने वाली आकांक्षा उर्फ श्वेता पिता शिवेंद्र शर्मा (28 ) की लाश का पंचनामा बनाकर शुक्रवार सुबह पीएम किया गया। शाम चार बजे डाक्टरों ने पीएम करने के बाद पुलिस टीम को शव पश्चिम बंगाल ले जानेे से मना कर दिया। पीएम करने वाली डाक्टरों की टीम का कहना है कि शव छह माह से ज्यादा पुराना है। शव पूरी तरह खराब हो चुका है।
उसको ज्यादा देर तक नहीं रखा जा सकता है। इसके बाद मृतका के भाई आयुष (सत्यम शर्मा) को जानकारी देने के बाद उसकी सलाह पर पुलिस ने उसके परिजनों को भोपाल बुलाया। वह शनिवार सुबह तक भोपाल पहुंचेंगे। उनके आने के बाद ही अंतिम संस्कार किया जाएगा। तक आकांक्षा के शव को एक तबूत में सुरक्षित मर्चुरी में रखवा दिया गया है। मृतका के माता-पिता को भोपाल आने के बाद ही संभवतया भोपाल में ही उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उसके भाई ने भी इसके लिए अनुमति दे दी है, लेकिन अंतिम निर्णय मृतका के पिता के भोपाल आने के बाद ही लिया जाएगा। उनकी बंगाली रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाएगा।
घर से पासपोर्ट बनवाने का कहकर निकली थी
एमएससी इलेक्ट्रोनिक्स करने के बाद जून 2016 में वह जॉब सर्च कर रही थी। विदेश जाने की इच्छुक थी, इसके लिए वह वीजा का कहकर घर से दिल्ली जाने का कहकर सरनी बांकुरा पश्चिम बंगाल से निकली थी। इसके बाद उसने पापा को अमेरिका में जॉब मिलने की बात बताई थी, लेकिन जुलाई के बीच में उससे बात नहीं हो पा रही थी। उसका मोबाइल उपयोग कोई और कर रहा था। उसको तलाशते हुए भोपाल आए थे। जहां गोविंदपुरा स्थित साकेत नगर घर पर भी पहुंचे थे। जहां ताला लगा हुआ था, लेकिन कोई जानकारी नहीं लग पाई थी। इसके बाद वापस सरनी बांकुरा पश्चिम बंगाल लौटकर आया। जहां परिजनों को पूरा घटनाक्रम बताने के बाद पुलिस में बहन की गुमशुदगी दर्ज करवा दी थी। इसके बाद कई दिनों से बहन की तलाश कर रहा था। जब मिली तो … बताते हुए उसकी आंखें गीली हो गई और थोड़ी ही देर में वह फूट-फूटकर रोने लगा।

पल-पल की थी क्राइम ब्रांच को खबर
सरनी बांकुरा पश्चिम बंगाल पुलिस ने 5 जनवरी को आकांक्षा शर्मा की गुमशुदगी दर्ज करने के बाद क्राइम ब्रांच को शामिल कर लिया था। तभी से क्राइम ब्रांच भोपाल के कई चक्कर लगा चुकी थी। आसपड़ोस, सब्जी वाले, ऑटो चालक से पूरी जानकारी एकत्रित करने के बाद वह जनवरी माह में उनके हाथ पक्का सबूत मिल गया था कि उदयन दास के मकान पर ही आकांक्षा है। क्राइम ब्रांच को अंदाजा यह था कि उसको उसने बंधक बनाकर रखा है। इसके लिए उसने पांच दिन पहले भोपाल आकर उदयन दास के पीछे लग गई थी।
काबिल फिल्म देखते समय पीछे बैठी थी क्राइम ब्रांच
सरनी बांकुरा पश्चिम बंगाल की क्राइम ब्रांच के अफसर उदयनदास के काफी करीब थे, लेकिन उसको भनक तक नहीं लगी थी। आरोपी पूजा नाम की युवती के साथ मल्टीप्लेक्स में काबिल फिल्म देख रहा था। तब भी क्राइम ब्रांच की टीम उसके पीछे बैठी थी। आरोपी की पांच दिन तक पीछा करने के बाद क्राइम ब्रांच को विश्वास हो गया। उसके बाद गुरुवार सुबह गोविंदपुरा पुलिस को सूचना देकर उनसे मदद मांगी। इसके बाद आरोपी उनके हाथ लग गया।
मप्र से यूपी फिर दिल्ली में मिलती थी लोकेशन
बांकुश क्राइम ब्रांच की टीम जनवरी से इस मामले में नजर रखे हुए थे। श्वेता की की मोबाइल लोकेशन पुलिस को जनवरी में मप्र में मिली फिर यूपी और दिल्ली में मिलती थी। बार-बार लॉकेशन बदलने से क्राइम ब्रांच को समझ नहीं आ रहा था कि श्वेता बार बार मप्र-यूपी ओर दिल्ली के चक्कर क्यों काट रही है। 31 जनवरी से 2 फरवरी तक उसके मोबाइल की लोकेशन मप्र के भोपाल में स्थिर हो गई थी। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने लोकल पुलिस से संपर्क कर पूरा घटनाक्रम बता दिया था।

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