क़यामत से पहले यहूदियों को क्या क्या काम करने हैं…जानिए!

Sikander Kaymkhani

“सदर डोनाल्ड ट्रंप” की तरफ से किबला अव्वल को इसराइल का दारुल हुकूमत तस्लीम करने की गलती की तरफ बाद में आएंगे हम पहले माज़ी की तरफ जायेंगे यहूदियों की मुकद्दस किताब (तल्मूद किताब हदा यात) के मुताबिक दुनिया का ये फैज़ 6000 साल पर मुहय्यत है। “यहूदियों का साल सितंबर में शुरू होता है। 2017 हिजरी के 21 सितंबर को यहूदियों के कैलेंडर में 5778 साल पूरे कर लिए यहूदी अकीदे के मुताबिक दुनिया के खात्मे में अब सिर्फ 222 साल बाकी है। ये दुनिया 222 साल बाद मुकम्मल तौर पर फना हो जाएगी। यहूदियों के क़यमात से कब्ल दो अहम काम करने हैं। “ताबूत सकीना की तलाश” और” हैकल सुलेमानी की तामीर” ये कहानी हज़रत इब्राहिम से शुरू होती है हज़रत इब्राहिम 40 साल हज़रत इस्माइल के पास मक्का मुकर्रमा में रिहाइश पज़ीर रहे।

आपने खानाऐ काबा तामीर किया और आप वापस फलस्तीन तसरीफ ले गए। आप अलैहिस्सलाम ने वहां अल्लाह ताला का दूसरा घर बैतूल मुकद्दस तामीर फरमाया खाना काबा और बैतूल मुकद्दस की तामीर के दरमियान 40 साल का फर्क था। हज़रत इब्राहिम ने फलस्तीन में इंतिक़ाल फरमाया आप का रौज़ा मुबारक यरुशलम के मुज़ाफात में है। ये इलाका हज़रत इब्राहिम की मुनासिबत से “हिब्रों या अल खलील” कहलाता है। हज़रत इसहाक अलैहिस्सलाम और हज़रत याकूब के मज़ारात भी हज़रत इब्राहिम के साथ मौजूद हैं। बनी इसराइल हज़रत याकूब की औलाद हैं ये लोग कहत का शिकार हुए, मिश्र की तरफ नकल मकानी की फिरौन की गुलामी में गए, सैकड़ों साल ज़िल्लत बर्दाश्त की और 33 सौ साल पहले हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की मैयत में फलस्तीन वापस आए। हज़रत दाऊद ने हज़ार साल कब्ल मसीह में यरुशलम फतह किया। और उसे अपनी सल्तनत किंगडम आफ डेविड का दारुल हुकूमत बनाया। हज़रत दाऊद ने बैतूल मुक़द्दस की बुनियादों पर यहूदियों का अज़ीम माबूद तामीर कराना शुरू किया। आप के बाद हज़रत सुलेमान ने ये तामीर जारी रखी हज़रत सुलैमान के पास हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम का एक “ताबूत” था। इस ताबूत में पत्थर की और वह दो तख्तियां भी थी जो अल्लाह तआला ने हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम पर कोहे तूर पर उतारी थी।

उन तख्तियों पर अल्लाह के दस एह्कमात दर्ज थे। ताबूत में हज़रत हारून का असा और वो बर्तन भी था जिस्से मन्नस सलवा निकलता था। हज़रत सुलेमान ने ये ताबूत उस मअबद की बुनियादों में छुपा दिया। आप अलैहिस्सलाम के दौर में बड़े-बड़े जादूगर भी थे। आप अलैहिस्सलाम ने अल्लाह ताला के हुक्म पर उन तमाम जादूगरों को कत्ल कर दिया। और उनके जादू के नुस्खों को भी संदूकों में बंद करके मअबद के नीचे गारों में छुपा दिया। यहूदी हज़रत सुलेमान के मअबद को हैकल सुलेमानी कहते हैं। ये हैकल 586 कब्ल मसीह में बाबल के बादशह बख्त नसर ने तबाह कर दिया था। ताहम उसने हैकल सुलेमानी की बेरोनी दीवार छोड़ दी। यहूदी इस दीवार को “कोतल” जबकि मुसलमान “दीवार गिरिया” कहते हैं, यहूदियों का ख्याल है हज़रत सुलेमान ने ताबूत सकीना और जादू के नुस्खे बैतूल मुकद्दस के नीचे गारों में छुपाए थे। चुनांचे ये लोग तीन हज़ार साल से बैतुल मुक़द्दस के नीचे गार खोद रहे हैं। ये बैतूल मुकद्दस को गिराकर मुस्तकबिल में हैकल सुलेमानी को यहां तक फैलाना भी चाहते हैं। क्योंकि हम उसकी तरफ भी बाद में आएंगे हम पहले बैतूल मुकद्दस में मुसलमानों की दिलचस्पी का ज़िक्र करेंगे।

बैतूल मुक़द्दस 11 फरवरी 624 हिजरी तक मुसलमानों का किबला अव्वल था। नबूवत के दसवी साल रजब की 27वीं शब को मेराज का वाकया पेश आया। अल्लाह ताला नबी अकरम सल्ल्लाहु अलैही वसल्लम को मक्का मुकर्रमा से यरुसलम लेकर आया। आप ने किबला अव्वल में अंबिया किराम की इमामत फरमाई आप सल्ल्लाहु अलैहि वसल्लम “बुर्राक” पर तशरीफ फरमा हुए, और बुर्राक आपको अल्लाह ताला के हुज़ूर ले गया। आप बैतूल मुकद्दस के सहन से आसमान पर तशरीफ ले गए थे। आज भी वहां 7 फीट लंबी 40 फीट चौड़ी और 6 फीट ऊंची चट्टान मौजूद है। ये चट्टान आपके साथ ऊपर उठ गई थी हज़रत जिब्रील ने उस पर हाथ रखकर उसे दोबारा ज़मीन से जोड़ दिया था। चट्टान पर हज़रत जिब्रील के हाथ का निशान आज तक मौजूद है, अम्वी खलीफा अब्दुल मलिक ने 691 में चट्टान के गिर्द सुनैहरे रंग की इमारत बना दी। ये इमारत अरबी में “कबा सखरह” और अंग्रेजी में “डोम आफ दी राक कहलाती है। ये मुसलमानों के हाथों अरब से बाहर पहली इमारत थी। ये इमारत आज पूरी दुनिया में यरुशलम की पहचान है। ये सुनहरी इमारत किब्ला अव्वल नहीं बैतूल मुकद्दस सुनहरी इमारत के ज़रा से फासले पर तहखाने में है। आपको वहां जाने के लिए सीढ़ियां उतरना पड़ती है,

सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी ने आज से 800 साल कब्ल मस्जिद अक्सा की तौसी की। ये तौसी “अक्सा जदीद” कहलाती है यहुदी इस सुनहरी इमारत और अक्सा जदीद को भी गिराना चाहते हैं। यहूदियों का ख्याल है कि हैकल सुलेमानी बैतूल मुक़द्दस और अक्सा जदीद वसी होगा यहूदियत और ईसाइयत और इस्लामि अकायेद के मुताबिक कयामत से कब्ल दज्जाल का ज़हूर होगा। यहूदी दज्जाल को मसीहा कहते हैं। जबकि ईसाई उसे एन्टी केराष्ट्र का नाम देते हैं। ये हैकल सुलेमानी की तामीर के बाद ज़ाहिर होगा। पूरी दुनिया के यहूदी इसराइल में जमा होंगे दज्जाल इसराइल को किंगडम आफ डेविड डिक्लेर करेगा और दुनिया को फतह करना शुरु कर देगा। ये पूरी ईसाई और मुसलमान दुनिया को तबाह और बर्बाद कर देगा। ये जंग 40 साल 50 साल जारी रहेगी।

दुनिया लम्बे का ढेर बन जाएगी यहां तक कि दुनिया के कदीम तरीन शहर दमशक में हज़रत इमाम मेहदी का ज़हूर होगा। फजर की नमाज़ से कब्ल हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम जामेआ अयेमिया के सफेद मिनार से उतरेगें ये हज़रत इमाम मेहदी के पीछे नमाज़ अदा करेंगे। और ये दोनों दज्जाल के खिलाफ षफ आरा हो जाएंगे बड़ी जंग होगी यहूदी इस जंग को “आरमा गेडन” कहते हैं। इस्लामी अकायेद के मुताबिक मुसलमान ये जंग जीत जाएंगे। फतूहात के बाद इस्लामी रियासत बनेगी हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम 46 साल की ज़िंदगी गुज़ार कर इन्तिकाल फरमाएंगे। ये नबी अकरम सल्ल्लाहु अलैही वसल्ल्म के पहलू में दफन होंगे उन के बाद हज़रत मकअद की हुकूमत आयेगी हज़रत मकअद के इंतकाल के 30 साल बाद अचानक सीने से कुरआन मजीद उठा लिया जाएगा। जिसके बाद क़यामत के आसार शुरू हो जायेंगे जबकि यहूदी अकायेद के मुताबिक ये जंग दज्जाल जीत जाएगा

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