अडानी की पड़ताल : भारत के कॉर्पोरेट मीडिया से जो न हुआ वो कर दिखाया ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने

Rajneesh Sachan

भारतीय कॉर्पोरेट मीडिया को जो करना चाहिए था वह ऑस्ट्रेलिया का मीडिया कर रहा है। सत्ता की जी हुजूरी में लगा भारतीय मीडिया तो नहीं कर पाया लेकिन अडानी को कोयला खान, रेलवे लाइन के प्रोजेक्ट के लिए ऑस्ट्रेलियाई सरकार से जो बड़ी रियायतें मिली हैं उसके चलते वहाँ के एक चैनल ABC News ने ‘फोर कॉर्नर्स’ नाम से अपने कार्यक्रम में एक खोजी रिपोर्ट की है।
जब विशालकाय अडानी समूह की गतिविधियों की जांच के लिए ‘फ़ोर कॉर्नर्स’ ने भारत की यात्रा की, तो उन्हें जल्द ही कंपनी की ताक़त का अंदाज़ा हो गया। इसके लिए उसकी टीम अडानी के मूंदड़ा (गुजरात) में भी पहुँची। पहले दिन कुछ रिपोर्टिंग के बाद रात में 11 बजे उनके होटल में गुजरात पुलिस, क्राइम ब्रांच वाले पहुँच गए। वीडियो शूट करने की कोशिश करते हुए और अडानी के संचालन के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के दौरान, फ़ोर कॉर्नर्स टीम में उनके कैमरे बंद करवा दिए गए। उनके फुटेज मिटा दिए गए और पुलिस द्वारा घंटों तक पूछताछ की गई। रिपोर्टर स्टीफन लांग सवाल करते हैं – “क्राइम ब्रांच आखिर हमसे क्यों मिलना चाहती है ?”
5 घंटे पूछताछ, धमकियाँ, जासूसी एजेंसियों से धमकाने की कोशिश सुबह के 4 बजे बेचारे डर के मारे जान बचा कर भागे। टीम को इसमें कोई शक नहीं है कि उनके द्वारा भारतीय कंपनी की जांच की वज़ह से पुलिस कार्रवाई शुरू हुई
लेकिन अडानी की ताकत के प्रदर्शन के बावजूद रिपोर्ट तैयार है। महीनों से ‘फॉर कॉर्नर्स’ अदानी ग्रुप के व्यवसायिक कामकाज की पड़ताल कर रही है। यह कॉरपोरेट दानव है जो ऑस्ट्रेलिया में सबसे बड़ी खदान साइट बनाने की योजना बना रहा है।
अडानी के वित्तीय और पर्यावरण सम्बन्धी अपराधों की पड़ताल के बाद चैनल ने यह निष्कर्ष निकाला है – यह ऐसा समूह है जो अपने मुनाफे बढ़ाने के लिए किसी हद तक जा सकता है।
क्वींसलैंड के गैलीली बेसिन में प्रस्तावित खदान स्थल के आसपास ध्रुवीकरण की बहस अक्सर एक सरलीकृत नौकरियों बनाम पर्यावरणविदों के बीच तर्क के रूप में पेश होती है। जैसे :
“मुझे अदानी के बारे में पता है और इसका मतलब है कि क्षेत्रीय क्वींसलैंडर्स के लिए हजारों नौकरियां …”
-एनास्टेसिया पलास्ज़ज़ुक, क्यूएलडी प्रीमियर
पूर्व सरकारी मंत्री कहते हैं “रिपोर्ट में आकस्मिक उल्लंघन नहीं पाया गया, बल्कि रिपोर्ट में जानबूझकर उल्लंघन और ऐच्छिक उल्लंघन पाया गया है।”
एक इकोनॉमिस्ट बताते हैं “यह आपको बताता है कि यह एक व्यवसाय समूह है जो अपने लाभ को अधिकतम करने के लिए कुछ भी कर सकते है।
यह कार्यक्रम अडानी ग्रुप के अपारदर्शी वित्तीय क्रियाकलापों का विश्लेषण करता है और अपने ऑस्ट्रेलियाई कार्यक्रमों के लिए महत्वपूर्ण है।
यह जांच यह पड़ताल करती है कि जिस कंपनी को करदाताओं द्वारा वित्त पोषित एक अरब डॉलर तक के ऋण देने की बात कर रहे हैं, क्या नौकरियों को बढ़ावा देने और खनन उद्योग को विकसित करने के लिए ऑस्ट्रेलियाई राजनेता उस कंपनी की ठीक से जांच करने में नाकाम रहे हैं।
भारत के एक राजनीतिज्ञ के हवाले से फोर कॉर्नर्स का कहना है “मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलियाई सरकार को पर्यावरणीय कारणों पर गौर करना चाहिए, जो कि होता हुआ नहीं लग रहा है। निश्चित रूप से सिर्फ वित्तीय कारणों का ध्यान रखा जा रहा है।आर्थिक पक्ष और पर्यावरण दोनों पक्षों का ध्यान रखा जाना चाहिए यह आवश्यक हैं।”
स्टीफन लांग द्वारा रिपोर्ट की गई और सारा फर्ग्यूसन द्वारा प्रस्तुत, अदानी की पड़ताल नमक यह रिपोर्ट सोमवार 2 अक्टूबर को 8.30 बजे प्रसारित होगी। इसका पुनः प्रसारण मंगलवार को 3 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे और 11 बजे बुधवार 4 बजे होगा। यह शनिवार को एबीसी न्यूज़ चैनल पर 8.10 pm , एबीसी iview और abc.net.au/4corners/4corners पर भी देखा जा सकता है।अदानी की पड़ताल : भारत के कॉर्पोरेट बादशाह के संदिग्ध लेन-देन।

Be the first to comment on "अडानी की पड़ताल : भारत के कॉर्पोरेट मीडिया से जो न हुआ वो कर दिखाया ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*


error: Content is protected !!