आजादी के बाद पहली बार अकेले हज पर जा रहीं महिलाएं

नई दिल्ली। देश में मुस्लिम महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में लिखे जा रहे नए अध्याय के तहत आजादी के बाद पहली बार वे अब अकेले हज यात्रा पर जा रही हैं और इसे लेकर उनमें इतना जबर्दस्त उत्साह है कि मात्र एक हफ्ते के भीतर 88 महिलाओं ने अकेले जाने के लिए आवेदन भी कर दिया है।

केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि पहले मुस्लिम महिलाएं ‘महरमÓ यानी शौहर, पिता, सगे भाई या बेटे के साथ ही हज पर जातीं थीं लेकिन पहली बार उन्हें अकेले यात्रा की अनुमति दी गई है। अब 45 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं चार-चार के समूह में अकेले हज करने जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इन महिलाओं की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखेगी । नकवी ने बताया कि अकेले जाने को लेकर महिलाओं मे जबर्दस्त उत्साह है। सात नवंबर से आवेदन की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से 88 महिलाओं ने अकेले जाने के लिए आवेदन भरा है जिनमें से अधिकांश मंजूर भी हो गए हैं।

नकवी ने बताया कि अधिकांश 72 महिलाओं ने केरल से ,आठ उत्तर प्रदेश से तथा असम और पश्चिम बंगाल से चार-चार ने आवेदन दिया है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर नयी हज नीति तैयार करने के लिए गठित समिति की सिफारिशों को मंजूर करते हुए महिलाओं को यह अनुमति दी है। नकवी ने बताया कि पहली बार हज यात्रियों को 21 हवाईअड्डों के अलावा नजदीकी नौ अन्य से भी हज के लिए सऊदी अरब जाने का विकल्प दिया गया है और इसका किराया अपेक्षाकृत काफी कम होगा। अब यात्रियों को नई दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, बेंगलुरु, मुंबई या लखनऊ के हवाई अड्डों से भी जाने का विकल्प दिया गया है।

नकवी ने बताया कि हज यात्रा 2018 के लिए अब तक तीस हजार आनलाइन और तीन हजार आफलाइन आवेदन मिले हैं। इनमें से 15 प्रतिशत से मोबाइल ऐप का इस्तेमाल किया है।

Be the first to comment on "आजादी के बाद पहली बार अकेले हज पर जा रहीं महिलाएं"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*


error: Content is protected !!