आजादी के लिये भोपाल के इतिहास में पहली बार

देशभक्ति और प्रेम का संदेश लेकर निकली तिरंगा यात्रा
500 से अधिक बाईक सवारों ने 25 किलोमीटर की दूरी तय
मानव श्रंखला बनाकर बच्चों-महिलाओं ने किया पुष्प-वर्षा से यात्रा का स्वागत

भोपाल : देशभक्ति और देशप्रेम का संदेश लेकर आज अन्ना नगर स्थित हेमा स्कूल चौराहा से करोंद चौराहा तक लगभग 25 किलोमीटर तक तिरंगा यात्रा निकाली गई। भोपाल के इतिहास में पहली बार इस तरह की यात्रा निकाली गई। यात्रा का नेतृत्व सहकारिता एवं गैस त्रासदी राहत मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री विश्वास सारंग ने किया।

गणतंत्र दिवस के पहले बच्चों और युवाओं में देश के प्रति लगाव पैदा करने, उन्हें आजादी के महत्व और उसके संघर्ष से अवगत करवाने के लिये यात्रा का आयोजन किया गया था। श्री सारंग ने इस पूरी यात्रा को तिरंगे का स्वरूप दिया। यात्रा में शामिल सभी बाइकर्स केसरिया, सफेद और हरे रंग की पगड़ियाँ पहने थे जो राष्ट्रीय ध्वज का स्वरूप लिये हुआ था। लगभग डेढ़ से दो किलोमीटर की इस तिरंगा यात्रा में 500 से अधिक मोटर-साइकिल शामिल थीं। यात्रा में डेढ़ हजार से अधिक लोग साथ में चल रहे थे। राज्य मंत्री श्री सारंग स्वयं मोटर-साइकिल चलाकर यात्रा का नेतृत्व कर रहे थे।

तिरंगा यात्रा का लगभग 25 किलोमीटर में सड़क के दोनों ओर खड़े नागरिकों और बच्चों ने पुष्प-वर्षा कर स्वागत किया। इस दौरान मानव श्रंखला भी बनाई गई, जो देश की एकता और अखण्डता का संदेश दे रही थी। यात्रा हेमा चौराहा से करोंद चौराहा के बीच 70 स्थानों से गुजरी। कस्तूरबा नगर, गौतम नगर, रचना नगर, ओल्ड सुभाष नगर, अप्सरा सिनेमा, प्रभात चौराहा, अशोका गार्डन, 80 फीट रोड, ऐशबाग, बाग फरहत अफजा, महामाई का बाग, द्वारिका नगर, छोला में यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। बड़ी संख्या में यहाँ पर महिलाएँ और बच्चे उपस्थित थे, जिन्होंने श्री सारंग और यात्रा में शामिल युवाओं का गर्मजोशी से स्वागत किया।

यात्रा की सबसे खास बात थी उसका अनुशासन। दो की लाईन में सभी यात्री मोटरसाइकिल से चल रहे थे। इस दौरान आवागमन भी अधिक समय के लिये बाधित नहीं हुआ। आम नागरिकों के वाहनों को यात्रा के दौरान आगे निकलने में सहयोग किया। देशभक्ति के गीतों और नारों के बीच इस यात्रा में लोगों के बीच एक बार फिर देशभक्ति का जज्बा पैदा किया।

करोंद चौराहा पर यात्रा के समापन पर राज्य मंत्री श्री सारंग ने कहा कि यात्रा देश के मान-सम्मान और शहीदों को याद करने का एक अवसर है। यह हमें एकता-अखण्डता का संदेश देती है। इसके जरिये हम वर्तमान और आने वाली पीढ़ी के अंदर एक ऐसी भावना पैदा करना चाहते हैं, जिसमें देश के लिये समर्पण का भाव जागृत हो।

 

 

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