भोपाल। मप्र के सीमावर्ती राज्यों में सत्तारूढ़ भाजपा है। बावजूद इसके, किसी न किसी मसले को लेकर मप्र से विवाद बढ़ता जा रहा है। मप्र से जल बंटवारे को लेकर यूपी, बिहार के बीच विवाद चल रहा है तो एशियन लायन को लेकर गुजरात से 34 साल लंबित विवाद सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद भी नहीं सुलझ सका है। ताजा विवाद भेड़पालकों के मप्र में प्रवेश को लेकर राजस्थान से टकराव की स्थिति बन गई है। राजस्थान के मंत्री ओटा राम बैरंग लौटे पिछले दिनों राजस्थान के पशुपालनमंत्री ओटा राम नीमच आए थे और भेड़पालकों के प्रवेश को लेकर जिला प्रशासन पर दबाव बनाने की कोशिश की थी। मप्र के अफसरों ने उनसे दो टूक शब्दों में साफ कर दिया कि नियमों और शर्तो के मुताबिक भेड़ पालकों का प्रवेश नीमच से नहीं दिया जा सकता है।
केन-बेतवा परियोजना पर टकराव
बाण सागर परियोजना से जल बंटवारे का विवाद सुलझ भी नहीं पाया था कि प्रस्तावित केन-बेतवा परियोजना के पानी बंटवारे का मामला प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंच गया है। पीएमओ के हस्तक्षेप के बाद भी मामला सुलझ पा रहा है। 2005 में उत्तर प्रदेश को 1700 और मध्य प्रदेश को 1405 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर) पानी देने का समझौता हुआ था।
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