इंजीनियरिंग छात्र ने की खुदकुशी

भोपाल ! इंजीनियरिंग के एक छात्र ने मंगलवार सुबह अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। छात्र झारखंड का रहने वाला था, जो भोपाल के एक हॉस्टल में रहता था। छात्र ने आत्महत्या क्यों कि फिलहाल इसका पता नहीं चल पाया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, मूलत: धनबाद, झारखंड निवासी शशि गुप्ता पिता उमेश गुप्ता उम्र 20 वर्ष राधा रमन कॉलेज, रातीबड़ में बीई प्रथम वर्ष का छात्रा था। वह दोस्तों के साथ सिकंदराबाद रोड, नीलबड़ स्थित दस्तूर छात्रावास के कमरा नंबर 225 में रहता था।

सोमवार रात करीब साढ़े 11 बजे तक वह अपने दोस्तों के साथ छत पर बैठा रहा। इस दौरान उसकी किसी छात्रा से बातचीत भी हुई। बारिश आने के कारण सभी अपने कमरे में चले गए। सुबह करीब 9 बजे नाश्ते के समय नीचे नहीं आने पर दोस्त उसे जगाने कमरे में पहुंचे तो दरवाजा अंदर से बंद था। एक दोस्त ने भीतर झांककर देखा तो शशि फांसी के फंदे पर लटका था। उसने इसकी सूचना छात्रावास के वार्डन व पुलिस को दी। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोडक़र शव बाहर निकालकर उसे पोस्टामर्टम के लिए भेज दिया। जांच अधिकारी एएसआई जीएस मेवाड़ा के अनुसार पुलिस को मौके से न तो कोई पत्र और न ही किसी तरह की डायरी मिली है। अलबत्ता मृतक का एक मोबाइल फोन मिला। लेकिन इसका पूरा डाटा डिलीट था। इससे कोई जानकारी नहीं निकल पाई है। हालांकि उसके नंबर पर कुछ नंबरों के मिस कॉल थे। उन नबंरों पर फोन करने पर मृतक के नाना ने फोन सुना। इस पर पुलिस ने उन्हें घटना की जानकारी दी। पुलिस की सूचना पर नाना बुकारो से भोपाल के लिए रवाना हो गए है।

पुलिस ने जांच के लिए मोबाइल साइबर सेल भेज दिया है। न ताज चाहिए … तेरा वक्त चाहिए पुलिस की प्रारंभिक जांच में मृतक के एक छात्रा से प्यार करने की बात सामने आई है। दोस्तों का कहना था कि वह एक छात्रा से प्यार करता था। इसकी पुष्टि शशि द्वारा वॉट्सएप पर तीन दिन पहले एक संदेश से भी होती है। इसमें उसने लिखा था च्न ताज चाहिए न तख्त चाहिए… तेरा प्यार चाहिए… तेरा वक्त चाहिए। हालांकि यह पता नहीं चल पाया कि वह लडकी कौन है और उससे प्यार करती था या नहीं। माता-पिता में होता विवाद शशि के दोस्तों के मुताबिक उसके माता-पिता में अक्सर विवाद होता था। वे दोनों धनबाद में जबकि शशि अपने नाना-नानी के साथ बुकारों में रहता था। शशि के मोबाइल पर भी नाना-नानी के नंबर से ही अंतिम कॉल थे। मुझे नहीं पड़ता कोई फर्क बताया गया है कि शशि का एक पेपर रद्द हो गया था। इस पर दोस्तों ने उसे पढ़ाई करने को कहा, तो मृतक ने जबाव दिया मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। जो होना होगा, सो हो जाएगा।

 

Be the first to comment on "इंजीनियरिंग छात्र ने की खुदकुशी"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*


error: Content is protected !!