सिहोर । हाल ही में आए 10 वीं बोर्ड की परीक्षा में मोहम्मद मारुफ पिता मोहम्मद मंसूर ने जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। 10 वीं बोर्ड में बाजी मारते हुए उन्होंने 500 में से 476 अंक प्राप्त किए। तो वही गणित में मारूफ ने 100 में से 100 अंक प्राप्त किए।
सिहोर क़स्बा क्षेत्र के पीली मस्जिद निवासी मोहम्मद मारुफ ने दसवीं बोर्ड परीक्षा में जिले में टॉप किया लेकिन जिले के किसी भी अख़बार ने उनको विशेष कवरेज नहीं दिया !
मारुफ के पिता मोहम्मद मंसूर मज़दूरी कर के अपना घर चलाते हैं ! उनके बेटे द्वारा जिले में टॉप करने पर पूरा परिवार बहुत खुश है। मारूफ आगे चलकर कृषि वैज्ञानिक बनना चाहते है, ताकि ग्रामीण इलाकों में जाकर किसानों की सेवा कर सके। परीक्षा में अच्छे अंक पाने के लिए उन्होंने जमकर पढ़ाई की ।
जिले में प्रथम स्थान प्राप्त होने के बाद भी उनको अखबारों में जगह नहीं मिल सकी ?
ओरिएंटल कोचिंग दीवान बाग़ के संचालक श्री अज़ीम अंसारी ने मोहम्मद मारुफ की इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि ” मोहम्मद मारुफ द्वारा जिले में टॉप किया जाना काफी गर्व की बात है , सभी सफल विद्यार्थियों, उनके अभिभावकों और शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि विद्यार्थियों ने सफलता का इतिहास लिखा है। इस साल का परीक्षा परिणाम पिछले साल की अपेक्षा ज्यादा अच्छा है। श्री अंसारी ने कहा कि उम्मीद के अनुरूप सफलता प्राप्त नहीं कर सके ऐसे विद्यार्थियों किसी भी प्रकार से हताश, निराश या उदास नहीं हों। जीवन में आगे बढ़ने के अनेक अवसर उपलब्ध हैं। आगे और बेहतर प्रयास करें तथा आगे बढ़े “।
उन्होंने क्रिकेट खिलाडी श्री सचिन तेन्दुलकर, महिला बॉक्सर सुश्री मेरीकॉम, ऑलराउंडर क्रिकेट खिलाड़ी श्री कपिल देव और अमेरिका के पहले राष्ट्रपति जार्ज वाशिंगटन का उदाहरण देते हुये कहा कि कम नंबर लाने के बावजूद इन हस्तियों ने असाधारण और महान काम किये हैं। इसलिये निराश होने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है।
आपको बता दे कि विशेष मार्गदर्शक श्री सलीम अंसारी द्वारा मोहम्मद मारुफ को 02 हज़ार रुपये नगद पुरस्कार के रूप में दिया गया !
मोहम्मद मारुफ द्वारा श्री सलीम अंसारी सर (विशेष मार्गदर्शक) को मिठाई खिलाते हुए !
सवाल: आगे क्या करने का इरादा है?
जवाब: आगे की पढ़ाई के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करूंगा तथा कृषि वैज्ञानिक बनकर देश की सेवा करने का इरादा है।
सवाल: बड़ी सफलता है, कैसे अर्जित की?
जवाब: दसवीं बोर्ड परीक्षा की तैयारी जुलाई से शुरू कर दी थी। प्रतिदिन 8 घंटे पढ़ाई करता था। भोजन से लेकर खेल और पढ़ाई का समय फिक्स था। जिसका प्रतिदिन कड़ाई से पालन किया।
सवाल: सफलता का श्रेय किसको देंगे?
जवाब: निश्चित ही माता-पिता और विद्यालय परिवार के शिक्षक -शिक्षिकाओं को। जहां परिवारजनों ने पढ़ाई के लिए घर में उचित माहौल बनाने में मदद की।वहीँ ओरिएंटल कोचिंग के संचालक श्री अज़ीम अंसारी सर एवं विशेष मार्गदर्शन श्री सलीम अंसारी सर द्वारा उचित मार्गदर्शन दिया।
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