कन्नड़ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक फरेंसिक साइंस लैब की शुरुआती जांच में ये बात सामने आई है कि दो साल पहले कन्नड़ के रिसर्च स्कॉलर एमएम कलबुर्गी की हत्या में जो बंदूक (7.65 एमएम देसी पिस्टल) इस्तेमाल की गई थी वही बंदूक गौरी लंकेश की हत्या में भी इस्तेमाल हुई है.
इस मामले की जांच स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) कर रही है. एेसे में फॉरेंसिक जांच की एसआईटी को सौंप दी गई है.
कैसे हुई गौरी लंकेश की हत्या?
गौरी लंकेश की हत्या 5 सितंबर को बेंगलुरु स्थित उनके घर के बाहर हुई थी. गौरी जब अपनी गाड़ी पार्क कर रही थी, तब ही अज्ञात हमलावर ने उनपर गोली चला दी. गोली लगने के बाद गौरी की मौके पर ही मौत हो गई थी. पुलिस ने 4 कारतूस भी घटना वाली जगह से बरामद किया था.
कैसे हुई थी कलबुर्गी की हत्या?
30 अगस्त 2015 को रात के 8.30 बजे कन्नड़ स्कॉलर और हंपी यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर एमएम कलबुर्गी को नार्थ कर्नाटक के उनके घर धारवाड़ में कुछ अज्ञात बंदूकधारी ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
लेकिन इस मामले में एक चौंकाने वाले बात ये सामने आई थी कि जिस बंदूक से कलबुर्गी की हत्या की गई थी, वो बंदूक महाराष्ट्र के कम्युनिस्ट नेता गोविंद पानसारे की हत्या में भी इस्तेमाल किया गया था.
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