एथिकल हैकर्स क्‍या है ? हैकर्स बनने के लिए क्‍या करें और जरूरी कोर्स

नेट पर निर्भरता बढ़ने के साथ गोपनीय और व्यक्तिगत सूचनाएं लीक होने का खतरा है। इसके अलावा, बैंक अकाउंट में सेंध लगाने या पासवर्ड हैक कर लोगों या बैंकों को चूना लगाने की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाना चुनौती है। इससे निपटने को एथिकल हैकिंग के विशेषज्ञों की जरूरत बढ़ती जा रही है।

जरा सोचिए, अगर आपकी फेसबुक वॉल पर कोई अश्‍लील पोस्ट टैग कर दिया जाए या फिर आपका पासवर्ड चुराकर आपके खाते से पैसा निकाल लिया जाए या आपकी पर्सनल फोटो चुराकर कोई उसे सार्वजनिक कर दें, तो फिर आपकी स्थिति क्या होगी?

दरअसल आजकल लगभग हर गतिविधि ऑनलाइन हो गई है। देश की बात करें, तो आज हमारे यहां करीब 35 करोड़ लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनके हाथों में स्मार्टफोन, कम्प्यूटर या लैपटॉप है, जिस पर पर्सनल और प्रोफेशनल बात शेयर करते हैं।

  • एथिकल हैकिंग, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, अनएथिकल हैकिंग को रोकने के लिए की जाती है।
  • यह एथिकल (नैतिक) इसलिए है, क्योंकि इसे मालिक के कहने पर ही किया जाता है।
  • एथिकल हैकर्स भी हैकर्स की तरह ही कम्प्यूटर और नेटवर्क के जानकार हैं।
  • किसी भी कंपनी में ऐसे प्रोफेशनल का काम सुनिश्चित करना होता है कि कोई बाहरी व्यक्ति कंपनी के आईटी सिस्टम की सिक्योरिटी तोड़कर कोई सूचना न चुरा सके और न ही किसी फाइल को कोई नुकसान पहुंचा सके।
  • नैस्कॉम की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, देश में अभी सिर्फ 50 हजार के लगभग साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनल हैं।
  • जबकि दूर-दराज के क्षेत्रों में इंटरनेट जिस तेजी से लोगों तक पहुंच रहा है।
  • इसे देखते हुए हर साल करीब 77 हजार एथिकल हैकर्स की जरूरत है।
  • इस तरह, स्थानीय और वैश्विक बाजार की जरूरतों को पूरा करने को भारत में वर्ष 2020 तक लगभग 50 लाख एथिकल हैकर होंगे।
  • लेकिन वर्तमान में हर साल इस क्षेत्र में सिर्फ 15 हजार प्रोफेशनल्स ही आ रहे हैं।
  • केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘डिजिटल इंडिया “धीरे-धीरे गति पकड़ रही है।
  • सरकारी महत्वपूर्ण सूचनाएं भी ऑनलाइन की जा रही हैं। लेकिन इससे भी ज्यादा इन सूचनाओं की सुरक्षा जरूरी है।
  • एक अनुमान के मुताबिक, केंद्र की पहल से देशभर में करीब 1.7 करोड़ नौकरियों के अवसर पैदा होंगे।
  • इनमें सबसे ज्यादा मांग एथिकल हैकर्स की रहेगी। वहीं, दूसरी ओर सभी बड़ी आईटी कंपनियां खुद का डाटा सेंटर बना रही हैं।
  • इन्हें भी कुशल साइबर सिक्योरिटी प्रोफेशनल्स चाहिए। साइबर सिक्योरिटी को लेकर आने वाले दिनों में लोग भी पर्सनल सर्विसेज लेना शुरू करेंगे।
  • एथिकल हैकर्स की आज भी आईटी कंपनियों में खूब मांग है।
  • इसके अलावा, आप आईटी सिक्योरिटी सर्टिफिकेशन की सर्विस देने वाली कंपनियों और आईटी फर्म्स में भी सिक्योरिटी प्रोफेशनल की नौकरी पा सकते हैं।
  • लॉ फर्म्स, बैंक, टेलीकॉम कंपनियां और पुलिस विभाग भी इनकी सेवाएं ले रहा है।
  • इंजीनियरिंग के बाद एथिकल हैकिंग में स्पेशलाइजेशन किया जा सकता है। 12वीं के बाद कोर्स करने का विकल्प है।
  • कुछ संस्थान यह कोर्स 10वीं के बाद भी करा रहे हैं। यह कोर्स छह माह और एक साल की अवधि के लिए होता हैं।
  • एथिकल हैकिंग में कमाई आपकी काबिलियत पर निर्भर करती है। फिर भी ऐसे प्रोफेशनल को शुरुआत में किसी भी नामी कंपनी से 35 से 40 हजार रुपए की सैलरी आसानी से मिल जाती है। अनुभव बढ़ने पर 70 से 80 हजार कमा सकते हैं।
  • साइबर सुरक्षा का विस्तार आज के समय बहुत ज्यादा है। आने वाले दिनों में इसकी जरूरत और ज्यादा पड़ेगी।
  • क्योंकि अब कम्प्यूटर और स्मार्टफोन हर किसी की दिनचर्या में शामिल हो गए हैं।
  • हर तरह की महत्वपूर्ण पर्सनल जानकारी भी लोग कम्प्यूटर और मोबाइल में ही रख रहे हैं, जिसे कभी भी कोई हैक कर सकता है।
  • एथिकल हैकर्स वह लोग हैं, जो आधिकारिक अनुमति के साथ सिस्टम में मौजूद लूपहोल्स को ठीक करने का काम करते हैं।
  • यह एक वैकल्पिक व्यवस्था है, इसलिए एथिकल हैकिंग आईटी में रुचि रखने वालों के लिए बहुत आकर्षक ऑप्शन है।
  • आजकल सभी कंपनियां अपना नेटवर्क इस्तेमाल कर रही हैं। इसमें कोई छेड़खानी न कर पाए। इसके लिए यहां एथिकल हैकर्स रख रही हैं।

Be the first to comment on "एथिकल हैकर्स क्‍या है ? हैकर्स बनने के लिए क्‍या करें और जरूरी कोर्स"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*


error: Content is protected !!