कर्मचारी बीमा-सह-बचत योजना 2018 से 4.50 लाख कर्मचारी होंगें लाभांवित

राज्य बीमारी सहायता में 50 लाख अतिरिक्त परिवारों को लाभ मंत्रि-परिषद के निर्णय

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंत्रि परिषद की बैठक में आज कर्मचारी बीमा-सह-बचत योजना 2003 को पुनरीक्षित कर अंशदान एवं बीमा मूल्य को दोगुना करते हुए योजना में अंशदान का 60 प्रतिशत अंश बचत निधि में और 40 प्रतिशत अंश बीमा प्रीमियम के रूप में नियत करने का निर्णय लिया गया। यह व्यवस्था कर्मचारी बीमा-सह-बचत योजना 2018 के रूप में 1 जुलाई 2018 से प्रभावशील की जाएगी। इससे प्रदेश के लगभग 4.50 लाख कर्मचारी लाभांवित होगें।

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

मंत्रि-परिषद ने राज्य बीमारी सहायता निधि योजना में 5 संवर्गो के लगभग 50 लाख अतिरिक्त परिवारों को शामिल करने का निर्णय लिया। पाँच संवर्गो में शिल्पकार एवं हस्तशिल्प कारीगर, सामाजिक सुरक्षा योजना के पेंशनर, वनाधिकार प्राप्त पट्टाधारी, बीड़ी बनाने वाले मजदूर और मुख्यमंत्री जन-कल्याण योजना के असंगठित श्रमिक संवर्ग शामिल है। इन संवर्गो को शामिल करने के बाद अब लगभग 1 करोड़ 50 लाख परिवारों को राज्य बीमारी सहायता निधि योजना में चिन्हित बीमारियों के उपचार के लिए अधिकतम 2 लाख रूपये तक की राशि की पात्रता होगी।

उच्च शिक्षा

मंत्रि-परिषद ने महाविद्यालयों में प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापक/ग्रंथपाल एवं क्रीड़ा अधिकारी   के स्वीकृत रिक्त पद पर निर्धारित योग्यता रखने वाले आवेदकों/अतिथि विद्वानों के लिए एक बार में शैक्षणिक सत्र के सभी 12 माहों या शेष बचे माहों की कालावधि के लिए प्रति दिवस 1500 रूपये, प्रतिमाह न्यूनतम 30000 रूपये के निश्चित मानदेय देते हुए आमंत्रण प्रक्रिया अपनाई जाने का निर्णय लिया। अतिथि विद्वानों को 6 दिन का आकस्मिक अवकाश और 90 दिनों के न्यूनतम मानदेय सहित प्रसूति अवकाश की पात्रता होगी। प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग के 469 महाविद्यालय संचालित है।

मंत्रि-परिषद ने 2 शासकीय महाविद्यालय बैहर (बालाघाट) और सौंसर (छिंदवाड़ा)में स्नातकोत्तर स्तर पर 5 विषयों में नई कक्षाएँ और 3 शासकीय महाविद्यालय आठनेर (बैतूल), निवास (मण्डला) एवं भीकनगांव (खरगोन) में 3 नवीन संकाय शुरू करने के लिए 20 शैक्षणिक तथा 24 अशैक्षणिक कुल 44 पद और आवर्ती व्यय भार 1 करोड़ 45 लाख 80 हजार रूपये प्रतिवर्ष एवं अनावर्ती व्यय भार 1 करोड़ 73 लाख रूपये तथा राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत झाबुआ, डिण्डौरी में नवीन आदर्श महाविद्यालय स्थापित करने पर होने वाले आवर्ती व्यय भार 6 करोड़ 69 लाख 98 हजार रूपये प्रतिवर्ष एवं अनावर्ती व्यय भार 24 करोड़ रूपये (केन्द्रांश 14 करोड़ 40 लाख रूपये एवं राज्यांश 9 करोड़ 60 लाख) तथा 96 शैक्षणिक, 50 अशैक्षणिक कुल 146 पदों का सृजन तथा राज्य के वित्तीय संसाधनों से शहपुरा, जिला डिण्डौरी में एक नवीन आदर्श महाविद्यालय शुरू करने पर आवर्ती व्यय भार 3 करोड़ 34 लाख 99 हजार रूपये प्रतिवर्ष एवं अनावर्ती व्यय भार 12 करोड़ रूपये तथा शैक्षणिक 48, अशैक्षणिक 25 कुल 73 पद इस तरह 3 नए आदर्श महाविद्यालयों के लिए कुल 144 शैक्षणिक एवं 75 अशैक्षणिक कुल 219 पदों का सृजन करने की मंजूरी दी।

चिकित्सा शिक्षा

मंत्रि-परिषद ने चिकित्सा महाविद्यालय रीवा के आवासीय भवन और परिसर निर्माण पूरा करने के लिए 4 करोड़ 59 लाख रूपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी।

मंत्रि-परिषद ने चिकित्सा महाविद्यालय विदिशा के भवन एवं परिसर निर्माण की स्वीकृत राशि 265 करोड़ 19 लाख को बढा़ते हुये 355 करोड़ 95 लाख की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी।

पशुपालन

मंत्रि-परिषद ने पशुपालन विभाग के तहत 12 वीं पंचवर्षीय योजना में प्रचलित राजस्व व्यय से संबंधित गोकुल महोत्सव योजना को 1 अप्रैल 2017 से आगामी 3 वर्ष तक निरन्तर रखने की मंजूरी दी।

किसान-कल्याण एवं कृषि विकास

मंत्रि-परिषद ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक निरंतर संचालन तथा वित्तीय आकार केन्द्रांश 750 करोड़ एवं राज्यांश 500 करोड़ रूपये कुल 1250 करोड़ का अनुमोदन देने का निर्णय लिया।

मंत्रि-परिषद ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना का वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक निरंतर संचालन तथा वित्तीय आकार केन्द्रांश 703 करोड़ 61 लाख 34 हजार और राज्यांश 469 करोड़ 7 लाख 56 हजार कुल 1172 करोड़ 68 लाख 90 हजार रूपये का अनुमोदन देने का निर्णय लिया।

मंत्रि-परिषद ने नेशनल मिशन फार सस्टेनेबल एग्रीकल्चर के तहत स्वाइल हेल्थ कार्ड योजना के वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक निरंतर संचालन तथा वित्तीय आकार केन्द्रांश 67 करोड़ 92 लाख 55 हजार और राज्यांश 45 करोड़ 28 लाख 37 हजार कुल 113 करोड़ 20 लाख 92 हजार रूपये का अनुमोदन देने का निर्णय लिया।

सहकारिता

मंत्रि-परिषद ने प्राकृतिक आपदा से प्रभावित कृषकों को राहत देने के लिए अल्पकालीन ऋणों को मध्यकालीन ऋणों में परिवर्तन करने के लिए राज्य शासन के अंशदान की योजना को आगामी वर्षों में निरंतर रखने तथा इसके लिए आवश्यकतानुसार प्रावधान सहकारिता विभाग के बजट में करने संबंधी स्वीकृति दी।

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