इंदौर में वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक को खुदकुशी के लिए उकसाने पर महिला पत्रकार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि याग्निक के परिजनों के बयान और मामले की शुरुआती जांच के आधार पर ये एफआईआर दर्ज की गई है. यह मामला भारतीय दंड विधान की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और बाकी कुछ धाराओं के तहत रजिस्टर किया गया है.
क्या है पूरा मामला?
याग्निक, हिंदी अखबार दैनिक भास्कर के समूह संपादक थे. उन्होंने इस अखबार की शहर के एबी रोड स्थित तीन मंजिला इमारत की छत से 12 जुलाई की रात छलांग लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. चौहान ने बताया कि यह महिला पत्रकार पहले याग्निक के अखबार में ही काम करती थी.
आरोप है कि अखबार की नौकरी से निकाले जाने के बाद वह याग्निक को मानसिक तौर पर परेशान कर रही थी जिससे वह तनाव में चल रहे थे.
महिला पत्रकार को फिलहाल गिरफ्तार नहीं किया गया है. बता दें, याग्निक ने अपनी मौत से कुछ ही दिन पहले इंदौर रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अजय कुमार शर्मा से मिलकर उन्हें आपबीती सुनायी थी कि महिला पत्रकार उन्हें कथित तौर पर धमका रही है.
एडीजी इस बात की पहले ही तस्दीक कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि मुलाकात के दौरान याग्निक ने उन्हें बताया था कि महिला पत्रकार उन्हें धमकी दे रही है कि अगर उन्होंने उसे अखबार की नौकरी पर बहाल नहीं कराया, तो वह उन्हें झूठे मामले में फंसाकर बदनाम कर देगी.
एडीजी से मुताबिक मुलाकात के दौरान याग्निक ने उनसे यह अनुरोध भी किया था कि अगर महिला पत्रकार पुलिस को उनके खिलाफ कोई शिकायत करती है, तो इस शिकायत पर किसी तरह का कानूनी कदम उठाए जाने से पहले एक बार उनका पक्ष भी सुना जाए.
एडीजी ने कहा कि याग्निक ने अपने इस अनुरोध को लेकर उन्हें हालांकि एक औपचारिक आवेदन पत्र भी सौंपा था. “लेकिन तब उन्होंने संबंधित महिला पत्रकार के खिलाफ किसी कानूनी कार्रवाई की मांग पुलिस से नहीं की थी.”
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