कुख्यात वन्यप्राणी तस्कर पवन पारधी रंगे हाथ गिरफ्तार

Bhopal : वन विभाग की एसटीएफ टीम ने कुख्यात वन्य जीव शिकारी और तस्कर पवन पारधी को गोह और दो अन्य वन्य जीव अवशेषो के साथ रंगे हाथो पकड़ा हैं। गोह (मानिटर लिजार्ड) अनूसूची एक में शामिल वन्य जीव हैं। पवन पारधी एक अंतर्राज्यीय शिकारी हैं। जिसके विरुद्ध वर्ष 1999 से वन्य प्राणी, वर्ष 2000 में गुजरात के सासनगीर में सिंह और वर्ष 2011 में पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ के शिकार के प्रकरण दर्ज हैं।

पवन पारधी वन्य जीव के अंगो को इलाहबाद लखनऊ दिल्ली और नागपुर के व्यापारियों के माध्यम से विदेशों में सप्लाई करता था। इसकी गिरफ्तारी से वन्य जीव तस्करों के जाल को ध्वस्त करने में आसानी होगी। आरोपी को विशेष न्यायलय सतना में प्रस्तुत किया जा रहा हैं।

एसटीएफ टीम भोपाल ने क्षेत्रीय टाइगर स्ट्राइक फोर्स सतना के साथ मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर कटनी पन्ना और सतना जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में नाकेबंदी की थी।

गोह

  • गोह सरीसृपों के स्क्वामेटा गण के वैरानिडी कुल के जीव हैं, जिनका शरीर छिपकली के आकार का, लेकिन उससे बहुत बड़ा होता है।
  • गोह छिपकिलियों के निकट संबंधी हैं, जो अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, अरब और एशिया आदि देशों में फैले हुए हैं।
  • ये छोटे बड़े सभी तरह के होते है, जिनमें से कुछ की लंबाई तो 10 फुट तक पहुँच जाती है।
  • इनका रंग प्राय: भूरा रहता है।
  • इनका शरीर छोटे छोटे शल्कों से भरा रहता है।
  • इनकी जबान साँप की तरह दुफंकी, पंजे मज़बूत, दुम चपटी और शरीर गोल रहता है।
  • इनमें कुछ अपना अधिक समय पानी में बिताते हैं और कुछ खुश्की पर, लेकिन वैसे सभी गोह खुश्की, पानी और पेड़ों पर रह लेते हैं।
  • ये सब मांसाहारी जीव हैं, जो मांस मछलियों के अलावा कीड़े मकोड़े और अंडे खाते है।
  • इनकी कई जातियाँ हैं, लेकिन इनमें सबसे बड़ा ड्रैगान ऑव दि ईस्ट इंडियन ब्लैंड लंबाई में लगभग 10 फुट तक पहुँच जाता है।
  • नील का गोह नाइल मॉनिटर अफ्रीका का बहुत प्रसिद्ध गोह है और तीसरा अफ्रीका के पश्चिमी भागों में काफ़ी संख्या में पाया जाता है। इसकी पकड़ बहुत ही मज़बूत होती है।
  • भारत में गोहों की छ: जातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें कवरा गोह सबसे प्रसिद्ध है।
  • इसके बच्चे चटकीले रंग के होते हैं, जिनकी पीठ पर बिंदियाँ पड़ी रहती हैं और जिन्हें हमारे देश में लोग बिसखोपरा नाम का दूसरा जीव समझते हैं।
  • लागों का ऐसा विश्वास है कि बिसखोपरा बहुत ज़हरीला होता है, लेकिन वास्तव में ऐसा है नहीं।
  • बिसखोपरा कोई अलग जीव न होकर गोह के बच्चे हैं, जो ज़हरीले नहीं होते।
  • शिवाजी के सेनापति तानाजी के पास एक गोह थी। जिसका नाम यशवंती था।
  • इसकी कमर में रस्सी बाँध कर तानाजी क़िले की दीवार पर ऊपर की ओर फेंकते थे और यह गोह छिपकली की तरह दीवार से चिपक जाती थी।
  • इस रस्सी को पकड़ कर वे क़िले की दीवार चढ़ जाते थे।

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