नई दिल्ली। ढाई वर्षीय बलात्कार पीड़िता की गलत एमएलसी रिपोर्ट बनाने वाले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डाक्टर का लाइसेंस रद्द करने के लिए दिल्ली मेडिकल काउंसिल से सिफारिश की गई है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जय हिंद ने मेडिकल काउंसिल के सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि एम्स के डाक्टर ने एक छोटी रेप पीड़िता बच्ची के केस में बहुत बड़ी लापरवाही की है। ऐसे डाक्टर के खिलाफ जल्द कार्रवाई होनी चाहिए।
मामला 15 फरवरी 2016 का है जब पूर्वी दिल्ली में एक 2.5 वर्षीय लड़की से बलात्कार की सूचना मिली और लड़की को एमएलसी के लिए लाल बहादुर अस्पताल भेजा गया। जहां एमएलसी रिपोर्ट में लड़की के हाइमन को क्षतिग्रस्त बताया गया। इस बच्ची को आगे जांच के लिए एम्स अस्पताल भेजा गया। एम्स के डाक्टर ने अपनी एमएलसी रिपोर्ट में लिख दिया कि बच्ची की हाइमन क्षतिग्रस्त नहीं हुई है। एक केस में दो अलग-अलग एमएलसी रिपोर्ट आने पर कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए एम्स से मेडिकल बोर्ड गठित कर दोबारा जांच के लिए कहा।
मेडिकल बोर्ड ने अपनी जांच में पाया कि एम्स के डाक्टर ने गलत एमएलसी बनाई है बच्ची की हाइमन क्षतिग्रस्त हुई है। लेकिन गलती करने वाले डाक्टर के खिलाफ एम्स की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
आयोग के नोटिस पर एम्स ने फिर से मेडिकल बोर्ड की मीटिंग की और इस मीटिंग में भी मेडिकल बोर्ड ने माना एम्स के डाक्टर ने गलत एमएलसी रिपोर्ट बनाई है। लेकिन गलती करने वाले डाक्टर को चेतावनी देकर छोड़ दिया। इसके बाद ही आयेाग ने कहा कि मेडिकल काउंसिल डॉक्टर का लाइसेंस रद्द करे।
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