ट्रेन में रिजर्वेशन करवाने के लिए देना होगा अपनी हथेली का फिंगरप्रिंट

रेलवे में अब हथेली के निशान से आरक्षित टिकट बनेंगे। इसके लिए टाटानगर व अन्य स्टेशनों के आरक्षण केंद्रों पर जल्द ही पॉम बॉयोमेट्रिक मशीन लगेगी। उत्तर-मध्य रेलवे झांसी में नई व्यवस्था का ट्रायल हो रहा है। यहां सफलता के बाद देशभर के मॉडल स्टेशनों पर मशीन लगाने का काम शुरू होगा।

एक-दो दिनों में दो बार टिकट बुक कराने पर पॉम बॉयोमेट्रिक मशीन से शिनाख्त होगी, क्योंकि मशीन पर हथेली रखने से दूसरी बार आने की पुष्टि हो जाएगी। इससे बुकिंग कर्मचारी सतर्क हो जाएंगे। रेलवे में आरक्षित टिकट की कालाबाजारी रोकने की यह नई पहल है। एक दिन में कई बार टिकट बनाने वालों की मशीन से शिनाख्त होने पर उसे आरपीएफ को सौंपा जाएगा।

सात हजार टिकट रोज बनते हैं 
टाटानगर स्टेशन के आरक्षण केंद्र व जमशेदपुर के टेल्को, साकची और बिष्टूपुर स्थित सिटी काउंटर से रोज 45 जोड़ी ट्रेनों के लिए सात-आठ हजार टिकट बुक होते हैं। वाणिज्य विभाग ने टिकट की कालाबाजारी रोकने के लिए टाटानगर स्टेशन के आरक्षण केंद्र पर दो-दो बार टोकन सिस्टम मशीन लगाई, लेकिन व्यवस्था शुरू होने के साथ बंद हो गई।

दलाल होते रहे हैं गिरफ्तार 
आरपीएफ हर वर्ष दस-पंद्रह टिकट दलालों को आरक्षण केंद्र व सिटी काउंटर में छापेमारी कर रेलवे ऐक्ट के तहत पकड़ती है। रेलवे अदालत में पेश कर जेल भेजा जाता है।

 

 

 

 

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