ढाई साल के मासूम को किया अगवा फिर बेचने के लिए व्हॉट्सऐप पर अपलोड की फोटो

Delhi : दिल्ली में तीन महिलाओं की ऐसी शातिराना करतूत सामने आई है जिससे बड़े अडॉप्शन और सरोगेसी रैकेट का खुलासा होने की संभावना है। दरअसल पिछले दिनों दिल्ली में तीन महिलाओं ने एक ढाई साल के बच्चे को अगवा कर उसे व्हॉट्सऐप पर बेचने के लिए उसकी फोटो अपलोड कर दी। महिलाओं की बच्चे की कीमत 1.8 लाख रुपए रखी थी। लेकिन इन महिलाओं की पोल तब खुली जब एक शख्स ने व्हॉट्सऐप पर बच्चे की फोटो देखी और पुलिस को बता दिया।

ये है पूरा मामला
जामा मसजिद थाना पुलिस ने तीन महिलाओं समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार कर बच्चे की अपहरण की गुत्थी को सुलझा लिया है। पुलिस ने ढाई वर्ष के बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया है।

आरोपियों ने बच्चे का अपहरण बेचने के लिए किया था। बच्चे को कई बार बेचा भी गया। आरोपियों पर जब पुलिस का दबाव बढ़ा तो उन्होंने बच्चे को लावारिस छोड़ दिया।

गिरफ्तार आरोपियों में तीन महिलाएं भी शामिल

मध्य जिला डीसीपी मंदीप सिंह रंधावा के अनुसार, जामा मसजिद इलाका निवासी याहिल ने अपने ढाई वर्षीय बच्चे के गायब होने की शिकायत पांच जून को पुलिस को दी थी। पीड़ित ने कहा था कि जब वह रोजा इफ्तारी के बाद नमाज पढ़ रहे थे तभी बच्चा गायब हो गया।

अपहरण का मामला दर्ज कर जामा मसजिद थानाध्यक्ष अनिल बेरवाल की देखरेख में इंस्पेक्टर सुमन कुमार, एसआई ऋषिपाल, कुलदीप व सुशील की टीम ने जांच शुरू की। पुलिस ने कई जगहों पर वाट्सऐप व केबल नेटवर्क के माध्यम से बच्चे की फोटो प्रसारित करवाई।

इस दौरान पुलिस को एक महिला से सूचना मिली कि अपहृत बच्चे को गुरुग्राम में रखा गया है और उसे ढाई लाख रुपये में बेचा गया है। महिला ने पुलिस को बताया कि वह सरोज नामक महिला से मिली थी।

इसके बाद पुलिस ने 28 जून को सरोज को रघुवीर नगर इलाके से पकड़ लिया। सरोज ने बताया कि उसने बच्चे को मंगोलपुरी निवासी सोनिया से 1.10 लाख रुपये में खरीदा था। लेकिन बच्चा अभी सोनिया के पास ही था। सरोज ने सोनिया को पुलिस की छापेमारी के बारे में बता दिया था।

जिस पर सोनिया ने मादीपुर इलाके में बच्चे को लावारिस छोड़ दिया और बच्चे के लावारिस घूमने की सूचना पुलिस को दे दी थी। सूचना के बाद मादीपुर पुलिस चौकी ने बच्चे को अपने कब्जे में ले लिया था।

एक आरोपी ने पिता बनकर बच्चे को बेचा था

जामा मसजिद पुलिस ने बच्चे को अपने कब्जे में लेकर माता-पिता को सौंप दिया था। इसके बाद जामा मसजिद पुलिस ने 28 जून को ही सोनिया (24), शकरपुर निवासी राधा (40) और सीलमपुर निवासी जान मोहम्मद (30) को गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में जान मोहम्मद ने बताया कि वह मजदूरी का काम करता है। एक महीने पहले उसकी यूसुफ से मुलाकात हुई थी। जल्द ही दोनों की दोस्ती हो गई थी। यूसुफ ने बताया कि उसे पैसे की जरूरत है। वह अपने बच्चे को बेचना चाहता है। यूसुफ ने बच्चे का अपहरण कर उसे अपना बेटा बताते हुए जान मोहम्मद को दे दिया था।

जान मोहम्मद ने बच्चे को बेचने के लिए राधा को दे दिया था। राधा ने बच्चे को एक लाख रुपये में सोनिया को बेच दिया था। सोनिया ने आगे बच्चे को 1.10 लाख रुपये में सरोज को बेच दिया था। सरोज बच्चे को बेचने के लिए बेऔलाद माता-पिता ढूंढ रही थी और वह 1.80 लाख में बच्चे को बेचना चाहती थी।

सरोज, राधा व सोनिया इस तरह का गोरखधंधा करती हैं। वह ऐसे आईवीएफ सेंटर में भी जान-पहचान रखती हैं, जहां माता-पिता बच्चा पाने के लिए आते हैं। पुलिस यूसुफ की तलाश कर रही है।

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