तीन से 30 करोड़ तक पहुंच गया कमला पार्क केबल स्टे ब्रिज का सफर

भोपाल।बड़े तालाब पर 30 करोड़ की लागत से ये ब्रिज सिर्फ इसलिए बनाया गया, क्योंकि यहां सड़क चौड़ी करने में एक धार्मिक स्थल बाधा बन रहा था। जबकि सिर्फ तीन करोड़ रुपए से सड़क चौड़ी की जा सकती थी। इसके पीछे शासन- प्रशासन की कमजोर इच्छा शक्ति के साथ ही आम शहरी तक अपनी बात न पहुंचा पाना रहा। नगर निगम ने मिसरोद से बैरागढ़ तक बीआरटीएस कॉरीडोर बनाया है। इसके तहत कमला पार्क से रेत घाट स्थित डॉ. शंकर दयाल शर्मा चौराहे तक सड़क को 30 मीटर चौड़ा किया जाना था, लेकिन तालाब किनारे बनी मस्जिद आड़े आ गई।

निर्माण के चलते मस्जिद का कुछ हिस्सा तोड़ा जाना था, लेकिन समाज के लोग यह नहीं चाहते थे। ये दलील निगम और जिला प्रशासन ने दी, लेकिन सच्चाई यह है कि निगम और जिला प्रशासन ने मुस्लिम समाज से इस मुद्दे पर बात करने के बजाय महज एक बैठक कर सड़क चौड़ीकरण की जगह केबल स्टे ब्रिज बनाने का खाका खींच लिया।
क्यों नहीं माना मुस्लिम समाज
अहम बात यह है कि जिला और निगम प्रशासन ने सड़क चौड़ीकरण के लिए मस्जिद का कुछ हिस्सा हटाने को लेकर मुस्लिम समाज के चुनिंदा लोगों से चर्चा की। ये वह लोग हैं, जिनके मकान और दुकानें सड़क की जद में आ रहे थे। ऐसे में उन्होंने मस्जिद को मुद्दा बनाकर इसका विरोध किया।
एक साल की कसरत, नहीं मिल पाई जगह
कमला पार्क से रेत घाट तक संकरी सड़क को 30 मीटर चौड़ा किया जाना था। इसके लिए सड़क के दोनों तरफ 15-15 मीटर जमीन की जरूरत थी। एक तरफ मकान थे, तो दूसरी तरफ दो धार्मिक स्थल। एक साल की कसरत के बाद भी शासन-प्रशासन 15 मीटर जगह नहीं ले सका।
इधर, शहर में ही मिसाल
शहर में एक मिसाल बैरसिया रोड पर है। यहां भोपाल टॉकीज से डीआईडी बंगला वाया करोंद चौराहा 80 फीट चौड़ा वन-वे रोड प्रस्तावित है। इसकी जद में सिंधी कालोनी चौराहा स्थित मंदिर और काजीकैंप स्थित एक मस्जिद का कुछ हिस्सा आ रहा है। दोनों ही समाज के लोग विकास के लिए अपने धर्म स्थलों की जमीन देने को राजी हैं।

Be the first to comment on "तीन से 30 करोड़ तक पहुंच गया कमला पार्क केबल स्टे ब्रिज का सफर"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*


error: Content is protected !!