दिल्ली मेट्रो के इन स्टेशनों की बदतर हालत पर खो बैठेंगे आपा, आएगा जबरदस्त गुस्सा

मेट्रो स्टेशन की सुरक्षा सबसे ज्यादा अच्छी मानी जाती है, लेकिन इसके बावजूद भी सीढ़ियों पर कुत्ते सोते रहते हैं। शुक्रवार दोपहर 12:57 बजे सेक्टर-18 मेट्रो स्टेशन की गेट नंबर 1 की सीढ़ियों पर कुत्ते सो रहे थे।

सीढ़ियों पर चढ़ने वाले लोग इससे डर-डर के मेट्रो स्टेशन पर जा रहे थे। यहां तक कि कुछ लोग कुत्ते को हटवाने के लिए गेट नंबर 1 से स्टेशन के ऊपर सुरक्षाकर्मी के पास बोलने के लिए गए, लेकिन वहां पर कोई खड़ा नहीं था।ऊपर जाने पर पता चला कि यहां लगी वेंडिंग मशीन खराब पड़ी है। इस वजह से लोग लंबी लाइन में लगकर टिकट ले रहे थे। यहां तक कि मशीन खराब होने से लोगों को कार्ड रिचार्ज कराने के लिए भी लाइन लगानी पड़ रही थी। ये हाल तब था, जब सेक्टर-18 मेट्रो स्टेशन व्यस्त मेट्रो स्टेशन में से है। यहां से हर दिन 18 से 20 हजार यात्री सफर करते हैं।

सेक्टर-16 मेट्रो स्टेशन पर टोकन खरीदने के लिए लाइन लगी हुई थी। यहां पर टोकन लेने के लिए लाइन में खड़े विनीत पांडे ने बताया कि ये मशीन पिछले कई दिनों से खराब पड़ी है। इस वजह से टोकन लेने के लिए शाम को लंबी लाइन लगी रहती है।अक्सर उस दौरान टोकन काउंटर पर एक ही स्टाफ बैठा रहता है। जिस वजह से 20 से 25 मिनट के रास्ते के लिए 40 से 50 मिनट का समय लग जाता है। बता दें कि इस मेट्रो स्टेशन से हर दिन 15 से 18 हजार लोग सफर करते हैं।वहीं लोगों को मेट्रो स्टेशन के नीचे उतरने पर भी परेशानी झेलनी पड़ती है। सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन के नीचे ठेली वालों ने अतिक्रमण कर लिया है। यहां तक कि लोग स्टेशन के नीचे ही टॉयलेट कर देते हैं। इस वजह से स्टेशन के नीचे उतरने के बाद लोग खड़े तक नहीं हो पाते हैं। सेक्टर-15, सेक्टर-16 और बॉटेनिकल मेट्रो स्टेशन का भी कुछ ऐसा ही हाल है। सेक्टर-16 मेट्रो स्टेशन पर टोकन खरीदने के लिए लाइन लगी हुई थी। यहां पर टोकन लेने के लिए लाइन में खड़े विनीत पांडे ने बताया कि ये मशीन पिछले कई दिनों से खराब पड़ी है। इस वजह से टोकन लेने के लिए शाम को लंबी लाइन लगी रहती है।अक्सर उस दौरान टोकन काउंटर पर एक ही स्टाफ बैठा रहता है। जिस वजह से 20 से 25 मिनट के रास्ते के लिए 40 से 50 मिनट का समय लग जाता है। बता दें कि इस मेट्रो स्टेशन से हर दिन 15 से 18 हजार लोग सफर करते हैं।वहीं लोगों को मेट्रो स्टेशन के नीचे उतरने पर भी परेशानी झेलनी पड़ती है। सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन के नीचे ठेली वालों ने अतिक्रमण कर लिया है। यहां तक कि लोग स्टेशन के नीचे ही टॉयलेट कर देते हैं। इस वजह से स्टेशन के नीचे उतरने के बाद लोग खड़े तक नहीं हो पाते हैं। सेक्टर-15, सेक्टर-16 और बॉटेनिकल मेट्रो स्टेशन का भी कुछ ऐसा ही हाल है।

मेट्रो प्रबंधक का कहना है कि वेंडिंग मशीनें खराब होने की शिकायतें आती हैं तो तुरंत ठीक करा दिया जाता है। कई बार लोगों को मशीन इस्तेमाल करना नहीं आता है और गलत बटन दबा देते हैं। जिस वजह से भी मशीन खराब हो जाती है।इन मेट्रो स्टेशन से रोजाना आते-जाते हैं यात्री सिटी सेंटर – 71,000-73,000 गोल्फ कोर्स- 8,000- 1,000 बॉटेनिकल गार्डन- 41,000- 44,000 सेक्टर- 18- 18,000-2,000 सेक्टर- 16 – 15,000 -18,000 सेक्टर- 15 – 16,000- 18,000 (नोट : आंकड़ा लगभग में है) मेट्रो प्रबंधक का कहना है कि वेंडिंग मशीनें खराब होने की शिकायतें आती हैं तो तुरंत ठीक करा दिया जाता है। कई बार लोगों को मशीन इस्तेमाल करना नहीं आता है और गलत बटन दबा देते हैं। जिस वजह से भी मशीन खराब हो जाती है।इन मेट्रो स्टेशन से रोजाना आते-जाते हैं यात्री सिटी सेंटर – 71,000-73,000 गोल्फ कोर्स- 8,000- 1,000 बॉटेनिकल गार्डन- 41,000- 44,000 सेक्टर- 18- 18,000-2,000 सेक्टर- 16 – 15,000 -18,000 सेक्टर- 15 – 16,000- 18,000 (नोट : आंकड़ा लगभग में है)

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