दिल्ली विधानसभा सत्र 8 अगस्त को शुरू हो रहा है, लेकिन इससे पहले मीडिया कवरेज को लेकर कठोर नियम बनाए दिए गए हैं। दिल्ली विधानसभा सत्र के दौरान अब मंत्री और विधायक से गलियारे में मीडियाकर्मी बात नहीं कर पाएंगे। यह दिशा दिशानिर्देश विधानसभा में हुई बैठक के बाद दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रचार निदेशालय ने जारी किया है।
इस निर्देश के बाद, मीडिया के लिए विधानसभा के सत्र की रिपोर्टिंग करना बेहद मुश्किल हो जाएगा। पहले सदन से बाहर निकलने के दौरान ही मुख्यमंत्री, मंत्री व विधायकों से अलग-अलग मुद्दे पर बातचीत हो जाती थी, लेकिन अब विधानसभा के गलियारे में किसी मंत्री व विधायक से कोई पत्रकार बात नहीं कर सकेगा। अब पत्रकारों को केवल विधानसभा के परिसर से बाहर लॉन में ही बात करने की मंजूरी दी गई है।
इतना ही नहीं, जारी किए गए इस दिशानिर्देशों पर गौर करें तो गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को इस बार विधानसभा की रिपोर्टिंग के लिए संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी या संपादक से मंजूरी पत्र लेना होगा। तभी सत्र को सुनने के लिए उन्हें विशेष पास दिए जाएंगे। इसलिए गैर मान्यता प्राप्त पत्रकार अपने संपादक, ब्यूरोचीफ या सिटी एडिटर से पत्र लिखवाकर डीआइपी ऑफिस में जमा कर दें।
इसके अतिरिक्त पत्रकार को अपने साथ आईडी प्रूफ के तौर पर आधार कार्ड या फिर वोटर कार्ड, पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस भी लाना होगा। वहीं इलेक्ट्रॉनिक चैनलों के लिए भी दिशा निर्देश जारी किया गया है। ओवी वैन के प्रवेश के लिए संस्थान के संपादक से पत्र लिखवाना होगा। इसके अलावा आरसी की कॉपी भी जमा करानी होगी।
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