देर रात शशिकला ने पन्नीरसेल्वम को अन्नाद्रमुक कोषाध्यक्ष पद से हटाया

चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने अन्नाद्रमुक की महासचिव वीके शशिकला के खिलाफ विद्रोह का बिगुल बजा दिया है। उन्होंने कहा कि रविवार को उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था। उन्होंने संकेत दिए कि पार्टी कैडर और राज्य के लोगों की मांग पर वह इस्तीफा वापस भी ले सकते हैं।
उधर, देर रात शशिकला ने पन्नीरसेल्वम को अन्नाद्रमुक के कोषाध्यक्ष पद से हटा दिया। इसके साथ ही शशिकला के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर संशय और गहरा गया है, क्योंकि राज्यपाल विद्यासागर राव ने भी चेन्नई जाने का अपना कार्यक्रम टाल दिया है।
पन्नीरसेल्वम मंगलवार को अचानक मरीना तट पर स्थित उनकी मार्गदर्शक रहीं जयललिता की समाधि पर पहुंचे और करीब 40 मिनट तक वहां ध्यानमग्न रहे।
उनके इस कदम से राज्य के राजनीतिक हलकों में अचानक हलचल पैदा हो गई। बाद में पत्रकारों से वार्ता में उन्होंने बताया कि शशिकला को मुख्यमंत्री बनाने के लिए उन्हें किस तरह मजबूर किया गया।
सामान्यतः बेहद शांत और विनम्र रहने वाले पन्नीरसेल्वम ने कहा कि मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद से वरिष्ठ मंत्री और नेता उन्हें कमजोर करने के लिए लगातार उनका अपमान कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जयललिता के निधन के बाद उनका प्रमुख कार्य पार्टी और सरकार की छवि को बचाए रखना था, लेकिन उनकी इन कोशिशों को व्यर्थ बनाने के प्रयास किए जाते रहे।
रविवार का घटनाक्रम बताते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें जयललिता के पोएस गार्डन आवास पर बुलाया गया था। वहां शशिकला, पार्टी के वरिष्ठ नेता, विधायक, मंत्री और उनके परिवार के सदस्य मौजूद थे।
पन्नीरसेल्वम ने बताया, “मुझे ऐसी बैठक के लिए बुलाया गया था जिसके बारे में मुझे कुछ मालूम ही नहीं था। मैं चिनम्मा (शशिकला) के पास गया और उन्होंने मुझे त्यागपत्र देने के लिए कहा। उन सभी ने शशिकला को मुख्यमंत्री बनाने के लिए मुझसे इस्तीफा देने के लिए कहा।
मैंने उनसे कहा कि विधायकों की बैठक की क्या जरूरत थी। उन्होंने कहा कि पार्टी महासचिव और मुख्यमंत्री दोनों पद एक ही व्यक्ति के पास होने चाहिए। दो घंटे तक वे मुझे समझाते रहे। लेकिन, मैंने उनसे कहा कि अन्नाद्रमुक विधायक दल का नेता चुनने के बाद क्या मुझसे इस्तीफा देने के लिए कहना सही है। जबकि मैं पहले स्थान पर रहना ही नहीं चाहता था।
इसके बावजूद मैंने पार्टी का अनुशासन बनाए रखने के लिए इतना अपमान बर्दाश्त किया।” उन्होंने आगे कहा, “मैं ऐसा मुख्यमंत्री चाहता हूं जो राज्य और राज्य के लोगों की रक्षा करे। वह भले ही पन्नीरसेल्वम न हो। लेकिन, वह उस सरकार की छवि को बरकरार रख सके जो जयललिता छोड़कर गई हैं।”
“जयललिता को घर में धक्का देकर गिरा दिया गया था”
अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता पीएच पांडियन ने दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत की परिस्थितियों पर संदेह व्यक्त किया है। मंगलवार को उन्होंने आरोप लगाया कि जयललिता के पोएस गार्डन स्थित घर पर झगड़ा हुआ था और उस दौरान उन्हें धक्का देकर गिरा दिया गया था।
मंगलवार को अपने पुत्र मनोज के साथ संवाददाता सम्मेलन में तमिलनाडु विधानसभा के पूर्व स्पीकर पांडियन ने आरोप लगाया कि “अम्मा” का निधन अप्राकृतिक परिस्थितियों में हुआ है, लिहाजा उन्हें अस्पताल में भर्ती कराए जाने के कारणों की जांच कराई जानी चाहिए।
उन्होंने बताया, “22 सितंबर (जिस दिन जया को अस्पताल में भर्ती कराया गया था) की रात घर के लोगों के बीच काफी कहासुनी हुई थी। यह दूसरे पक्ष के परिवार (शशिकला का परिवार) के साथ हुई किसी घटना को लेकर हुई थी। इस दौरान उन्हें (जया को) नीचे की ओर धक्का दिया गया था।
वह गिरकर अचेत हो गईं थीं। अगले दिन इस घटना का जिक्र अखबारों में भी हुआ था।” शशिकला की पदोन्नति का विरोध करते हुए पांडियन ने कहा कि उन्हें न तो पार्टी प्रमुख बनने का अधिकार है और न ही मुख्यमंत्री बनने का। 2010 से 2016 तक अन्नाद्रमुक के राज्यसभा सदस्य रहे पांडियन के पुत्र मनोज ने कहा कि यह लोगों की इच्छा के खिलाफ उन्हें धोखा देकर किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि एक बार जयललिता ने उन्हें जहर दिए जाने का अंदेशा भी जताया था।
अन्नाद्रमुक ने पांडियन को बताया “विश्वासघाती” :
पांडियन के आरोपों पर पार्टी ने कहा कि वह ऐसे विश्वासघाती हैं जो भ्रम फैलाने के लिए विरोधियों के साथ मिल गए हैं। पार्टी नेता और एमजी रामचंद्रन की पहली कैबिनेट में मंत्री रह चुके पन्रुति रामचंद्रन ने कहा कि शशिकला की पदोन्नति पार्टी नियमों के मुताबिक की गई है और वो वैध है। शशिकला को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने में केंद्र की ओर से किसी तरह की देर किए जाने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसा नहीं लगता।

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