धोखा दे निकाली 540 महिलाओं की बच्चेदानी

पटना। बीमा की रकम हड़पने के लिए राज्य की 540 महिलाओं की बच्चेदानी निकाल ली गई। इनमें एक युवती तो 20 साल से कम उम्र की थी। सैकड़ों महिलाओं को मातृत्व सुख से वंचित कर दिया गया। राज्य मानवाधिकार आयोग ने इसे मानवाधिकार का घोर हनन करार देते हुए सभी पीड़ित महिलाओं को डेढ़ से ढाई लाख रुपये बतौर मुआवजा देने का आदेश दिया है।
आयोग ने कड़ा फैसला लेते हुए इस असभ्य आचरण में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी टिप्पणी भी की है। आयोग ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि मुआवजा अगले तीन महीने के अंदर भुगतान करे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत राज्य के 11 जिलों में 540 महिलाओं की बच्चेदानी केवल इसलिए निकाल दी गई ताकि उनकी बीमा राशि का बंदरबांट किया जा सके।
महिलाओं की बच्चेदानी में ऐसी कोई समस्या नहीं थी कि उसे निकालना ही अंतिम उपाय था। लेकिन ऑपरेशन करने पर ज्यादा पैसे मिलते, इसलिए उन्हें बरगलाया गया, धोखा दिया गया और मातृत्व सुख से सदा के लिए वंचित कर दिया गया। राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बिलाल नजकी ने कहा कि इस मामले की जांच में हमें सहयोग नहीं किया गया। हमने 20 अगस्त, 2012 को अखबारों में छपी रिपोर्ट के आधार पर स्वतः संज्ञान लिया था। आयोग ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 9 जून निर्धारित की है।

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