नहीं दिया ध्यान तो हो जाएगा ‘स्मार्टफोन ब्लाइंडनेस’

सोने से पहले अंधेरे कमरे में स्मार्टफोन का इस्तेमाल आंखों के लिए खतरनाक हो सकता है। रात में एक तरफ लेट कर काफी देर तक स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना भी बेहद हानिकारक है। डॉक्टरों के मुताबिक स्मार्टफोन से निकलने वाली किरणें आंखों के लिए नुकसानदायक होती हैं, जबकि अंधेरे में फोन का इस्तेमाल करने पर इसका प्रभाव दुगुना हो जाता है। इन वजहों से होने वाली बीमारी को डॉक्टरों ने ‘स्मार्टफोन ब्लाइंडनेस’ का नाम दिया है।

हालांकि ऐसा आपको शुरूआत में बिल्कुल फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन धीरे-धीरे जब आंखों पर स्मार्टफोन की रोशनी पड़ने पर जलन, आंसू आना या धुंधला दिखने जैसे स्थिति आ जाए तो समझिए यह बीमारी आपको अपने कब्जे में लेना शुरू कर दी है।

फिर आपको रात में कम दिखना शुरू हो जाएगा और आपको मस्तिष्क की भी बीमारी हो सकती है। ऐसा आप कुछ देर के लिए दृष्टिहीनता का शिकार हो सकते हैं।ब्रिटेन में ऐसे दो मामले सामने आए हैं। पहले मामले में एक 22 वर्षीय युवती को रात में सोने के दौरान दाईं आंख से देखने में दिक्कत आ रही थी। यह समस्या एक साल तक सप्ताह में कई बार सामने आई। हालांकि, बाईं में आंख बिल्कुल ठीक काम करती थी।

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दूसरे मामले में एक 40 वर्षीय महिला सूर्योदय से पहले उठने पर एक आंख से कुछ भी देख पाने में असमर्थ थी। डॉक्टरों के मुताबिक ऐसा छह महीने तक चलता रहा। वह तकरीबन 15 मिनट तक एक आंख से कुछ भी नहीं देख पाती थी। जांच में पता चला कि यह समस्या रात में एक तरफ लेट कर काफी देर तक स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने से सामने आ रही थी।

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