निजी नर्सिंग होम में रोगियों के उपचार में कोई कठिनाई न हो

राज्य शासन ने पुन: जारी किये निर्देश

 

भोपाल : राज्य शासन ने मध्यप्रदेश नर्सिंग होम एसोसिएशन को प्रदेश के निजी नर्सिंग होम में इलाज करा रहे मरीजों को 500 एवं 1000 रूपये के नोटों के बंद होने के कारण कोई कठिनाई नहीं होने संबंधी निर्देश दिये हैं। निजी चिकित्सालय एवं नर्सिंग होम के संचालकों से कहा गया है कि भारत सरकार के वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार बैंक के माध्यम से रोगी और उनके परिजन द्वारा निजी चिकित्सालय या नर्सिंग होम (तृतीय पक्षकार) के बैंक खाते में उपचार के लिये आवश्यक राशि जमा की जा सकती है। संचालक स्वास्थ्य सेवाएँ डॉ. के.के ठस्सू की अध्यक्षता में आज मध्यप्रदेश नर्सिंग होम एसोसिएशन की बैठक हुई।

संचालक डॉ. ठस्सू ने कहा कि कुछ जिलों से शिकायतें मिल रही हैं कि आवश्यक वैध नोट न होने की स्थिति में निजी चिकित्सालयों में मरीजों को उपचार पाने में कठिनाई हो रही है। नर्सिंग होम पदाधिकारियों ने बताया कि निजी अस्पताल रोगियों से चैक, ई-बैंकिंग, क्रेडिट-डेबिट कार्ड आदि के द्वारा फीस जमा करवाई जा रही है। गंभीर रूप से बीमार रोगियों को यदि उनके पास वैध नोट नहीं है और वह ई-बैंकिंग के द्वारा भी शुल्क नहीं जमा कर सकता है तो भी आकस्मिक उपचार उपलब्ध करवाने के निर्देश दिये गये हैं। पदाधिकारियों ने आश्वस्त किया कि वे पुन: नर्सिंग होम एसोसिएशन के जिला पदाधिकारियों को इन प्रावधानों की जानकारी देते हुए निर्देश जारी करेंगे।

बैठक में मध्यप्रदेश नर्सिंग होम एसोसिएशन के सचिव डॉ. उमेश शारदा, डॉ. राहुल खरे, सलाहकार डॉ. दीपक शाह, संयुक्त संचालक श्री राकेश मुंशी, उप संचालक डॉ. भूषण श्रीवास्तव, डॉ. उपेन्द्र दुबे और श्री दीपक दुबे मौजूद थे।

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