भोपाल। मध्यप्रदेश की साइबर अपराध पुलिस ने बेरोजगारों को नौकरी और प्लेसमेंट के नाम पर ठगने वाले एक गिरोह के पांच सदस्यों को दिल्ली से पकड़ा है। सायबर अपराध शाखा की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक गिरोह शाईन डाॅट काॅम कंपनी के नाम से ठगी करते हुए बेरोजगारों को बडी कम्पनी में अच्छा प्लेसमेन्ट दिलाने का दावा कर विश्वास में लेकर फर्जी बैंक खातों में मोटी रकम जमा कराते थे।
साइबर अपराध शाखा भोपाल में स्थानीय निवासी फरियादी रजत शर्मा ने ठगी का शिकार होने संबंधित आवेदन दिया था। फरियादी ने बताया कि उसने नौकरी के लिये वेबसाईट पर आॅनलाईन रिज्यूम दिया था, कुछ समय बाद एक अज्ञात फोन आया, जिसके बाद फरियादी के दो टेलिफोन इन्टरव्यू लिये गये। फरियादी को विप्रो कम्पनी में नौकरी दिलाने की बात कही गई थी, जिस हेतु उससे विभिन्न प्रकार के चार्ज के नाम पर कुल 32 हजार 500 रुपए जमा करवा लिये गये।
फरियादी द्वारा कम्पनी वालों से सम्पर्क न होने पर उसे पता चला कि उसे ठग लिया गया है। साइबर क्राइम भोपाल को विवेचना के दौरान पता चला कि ठगी नोएडा क्षेत्र से हुई है। साइबर क्राइम पुलिस टीम नोएडा गई, तब पता चला कि धोखाधड़ी का ये धंधा दिल्ली में एक काॅलसेन्टर से चल रहा है। वहीं से आरोपी गिरोह को पकडा।
पुलिस ने काॅल सेन्टर संचालक गौरव समेत वहां काम करने वाले मोहित, करण को भी पकड़ा है। ये सभी फर्जी नामों से लोगों को फोन करते थे। मामले में एक युवती का नाम भी सामने आया है, जो फरार है। इसके अलावा अंकित और विकास नाम के दो युवकों को भी पकड़ा गया है।
अंकित गौरव के लिये फर्जी बैंक खातों की व्यवस्था करता था और विकास ने कमीशन के आधार पर अपना बैंक खाता अंकित के माध्यम से गौरव को दिया था। प्रकरण में अन्य लोगो के भी शामिल होने का संदेह है। गौरव ने जल्दी पैसा कमाने के लालच में ये गिरोह बनाया था।
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