पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा के 1000 से ज्यादा दीक्षार्थी बने नागा संन्यासी

उज्जैन। पंच दशनाम आवाहन अखाड़े के दीक्षार्थी जब हर-हर महादेव का जयघोष करते छावनी से निकले तो मेले में आए हजारों श्रद्धालु जहां थे, वहीं ठहर गए। जयघोष करते सभी दत्त अखाड़ा घाट पहुंचे, जहां उन्होंने परिजन, ईष्टमित्र सहित खुद का भी तर्पण किया। शिप्रा में डुबकी लगाई और अपने नवजीवन की अग्रसर हुए। दीक्षा के बाद अब सभी खूनी नागा कहलाएंगे।
सदावल रोड स्थित आवाहन अखाड़ा में शनिवार सुबह 7 बजे से दीक्षा की प्रक्रिया शुरू हुई। 24 घंटे चलने वाली प्रक्रिया के तहत सुबह सबसे पहले पंच केश विसर्जन क्रिया हुई। इसके तहत अखाड़े की चारों मढ़ियों के दीक्षार्थियों का मुंडन किया गया।
मुंडन के बाद दोपहर करीब 1.30 बजे सभी हर-हर महादेव का जयघोष करते हुए एक जगह एकत्रित हुए। यहां से कतारबद्ध होकर सभी अपने गुरुओं व कोतवालों के निर्देशन में दत्त अखाड़ा घाट के लिए रवाना हुए। रास्ते में हर-हर महादेव का जयघोष करते साधुओं को देख हर श्रद्धालु नतमस्तक हो गया।
घाट पर कतारबद्ध होकर पहुंचने के बाद सभी ने शिप्रा में डुबकी लगाई। स्नान के बाद वहां उपस्थित पंडितों ने तर्पण की क्रिया पूरी कराई। यहां साधुओं व 30 से ज्यादा माई ने अपने परिजनों, ईष्ट मित्रों सहित खुद का पिंडदान किया। इस दौरान 17 पिंड संस्कार हुए।
इसमें 16 पिंड परिजनों के व एक पिंड स्वयं का बनाकर तर्पण किया गया। तर्पण के बाद सभी दीक्षार्थियों ने शिप्रा में डुबकी लगाई। पंडितों ने सभी को गुस्र् द्वारा दिए गए कमंडल, दंड, जनेऊ व लंगोट धारण कराई। इसके बाद सभी ने शरीर पर भस्म लगाई और हर-हर महादेव का जयघोष करते हुए ब्रह्मचारी के स्वरूप में पुन: छावनी पहुंचे।

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