नई दिल्ली। ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर बिकने वाली वस्तुओं पर उपभोक्ताओं को एमआरपी के साथ एक्सपायरी डेट जैसी जानकारियां भी अवश्य मिलेंगी। नए साल की शुरुआत के साथ ही इस संबंध में सरकारी नियम सोमवार से लागू हो गया है। इस संबंध में लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज) के संशोधित नियम एक जनवरी से प्रभावी हो गए हैं।
जून, 2017 में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने नियमों में संशोधन किया था। उस समय कंपनियों को छह महीने का समय दिया गया था। ई-कॉमर्स कंपनियों के माध्यम से खरीदारी करने वालों के हितों की रक्षा की दिशा में इसे बड़ा कदम माना जा रहा है।
अभी ऑनलाइन बिकने वाले उत्पादों पर केवल एमआरपी लिखी होती है। इस संबंध में लगातार मिल रही शिकायतों के बाद नियमों में ताजा बदलाव किए गए थे। ऑनलाइन उत्पादों पर पर्याप्त जानकारियां न होने के चलते उपभोक्ताओं की सुरक्षा से खिलवाड़ की कई शिकायतें मंत्रालय के समक्ष आई थीं।
नए नियम प्रभावी होने के बाद ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर विक्रेताओं को एमआरपी के अलावा निर्माण की तारीख, एक्सपायरी की तारीख, मात्रा, निर्माता देश और कस्टमर केयर की जानकारी प्रदर्शित करनी होगी। संशोधित नियमों में अक्षरों और अंकों का आकार भी बड़ा किया गया है ताकि ग्राहक आसानी से पढ़ सकें।
इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि एक ही जैसी पैकेटबंद वस्तुओं के लिए अलग-अलग एमआरपी नहीं रखी जा सकेगी। दवा की श्रेणी में रखे जाने वाले चिकित्सा उपकरणों को भी नए नियम के दायरे में लाया गया है। देश में फ्लिपकार्ट, अमेजन इंडिया, स्नैपडील, ग्रोफर्स और बिगबास्केट जैसी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां कारोबार कर रही हैं।
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