भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा पार कर करीब 50 आतंकियों को मार गिराने की बात को नकार रहे पाकिस्तान का झूठ बेनकाब हो गया है। एक टीवी चैनल ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मीरपुर रेंज की स्पेशल ब्रांच के एसपी गुलाम अकबर से वरिष्ठ अधिकारी बनकर फोन पर बात कर सारी सच्चाई उगलवाई और झूठ का पर्दाफाश किया।
टीवी चैनल के मीडियाकर्मी ने अकबर से आईजी मुश्ताक बन कर बात की और उसने रात के सारे वाकया सामने रख दिया। अकबर ने कहा कि 28-29 सितंबर की दरमियानी रात सर्जिकल हमला हुआ था। इसमें पांच पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और इसमें काफी संख्या में आतंकी मारे गए। उसने यह भी माना कि हमले से पाकिस्तानी फौज भौचक्की रह गई और वह ज्यादा प्रतिरोध नहीं कर पाई।
उसने बताया कि रात में दो से पांच के बीच यह हमला चला। उनसे जब पूछा गया कि कितने आतंकी मारे गए तो अकबर ने कहा कि लीपा में दो, हजीरा में तीन और भीमबेर में कई आतंकी मारे गए हैं। उसने बताया कि 12 ताबूत मंगाए गए थे।
पाकिस्तानी फौज लेकर आती है जेहादी: मीडियाकर्मी के सवाल पर एसपी ने यह भी बताया कि पाकफौज इन जेहादियों को लांच पैड तक लेकर आती है और उन्हें घुसपैठ में मदद करती है। उसने जेहादियों के लिए लश्करी नाम लिया। उसने खुलासा किया कि एक कैंप में पांच से सात आतंकी रहते हैं। अकबर ने भीमबेर के समाना, पुंछ के हजीरा, नीलम के दुधनियाल और हथियान बाला के कयानी में भारतीय फौज का हमला हुआ था।
सबूत मिटाने की बात मानी : कार्रवाई के सबूत मिटाने के भारत के दावे को सही बताते हुए उसने कहा कि सर्जिकल ऑपरेशन के बाद पूरे इलाके को सील कर दिया गया था। उसने बताया कि शवों को एंबुलेंस में ले जाया गया और इसके लिए ताबूत भी मंगाए गए।
चश्मदीदों ने भी सेना के ऑपरेशन पर मुहर लगाई
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सेना की कार्रवाई को नकारने में लगे पाकिस्तान का झूठ बेनकाब हो गया है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, पीओके के प्रत्यक्षदर्शियों ने गोलियों की आवाजें सुनने के साथ कार्रवाई में आतंकवादियों के लांचपैड ध्वस्त करने पर मुहर लगाई हैं। उन्होंने बताया कि मारे गए आतंकियों के शवों को आनन-फानन में दफनाने के लिए वाहनों में भरकर ले जाया गया।
एक अंग्रेजी अखबार ने इन प्रत्यक्षदर्शियों से जम्मू-कश्मीर में रहने वाले उनके रिश्तेदारों के माध्यम से संपर्क साधा और भारतीय सेना के सर्जिकल हमले पर मुहर लगाई। प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से कहा गया कि कमांडो दस्ते ने आतंकियों के कम से कम छह लांच पैडों को ध्वस्त किया। उन्होंने बताया कि सेना ने नियंत्रण रेखा के चार किलोमीटर पार एक छोटी सी बस्ती दूधनियाल में लश्कर ए तैयबा के लांच पैड को निशाना बनाया। अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि इस बस्ती के मुख्य बाजार के पास भी एक इमारत को ध्वस्त किया गया।
लश्कर के बड़े शिविर ले जाई गईं आतंकियों की लाशें
इन प्रत्यक्षदर्शियों ने यह भी बताया कि अल हवाई ब्रिज के पार उन्होंने उस रात भारी धमाके और भीषण फार्यंरग की आवाजें सुनीं। अगले दिन तड़के पांच से छह शव ट्रक में डालकर ले जाए गए। संभवत: इन्हें नीलम नदी के पार चाल्हना स्थित लश्कर के बड़े शिविर में ले जाया गया।
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