कराची। प्रसिद्ध सूफी संत लाल शहबाज कलंदर की दरगाह पर गुरुवार को आत्मघाती धमाके में कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई। सौ से ज्यादा लोग जख्मी हो गए।
दरगाह पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सेहवन कस्बे में स्थित है। प्रत्येक गुरुवार को दरगाह पर भारी भीड़ होती है। इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने इस आतंकी हमले को अंजाम देने की जिम्मेदारी ली है।
इस हफ्ते पाकिस्तान में हुआ यह पांचवां बड़ा आतंकी हमला है। इससे पहले लाहौर, क्वेटा, पेशावर और मोहमंद कबायली इलाके में इसी तरह का आत्मघाती हमला हुआ था।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जमशोरो तारिक विलायत के अनुसार, आत्मघाती हमलावर गोल्डन गेट से दरगाह में दाखिल हुआ।
उसने पहले ग्रेनेड फेंका और फिर खुद को उड़ा लिया।
धमाके के वक्त दरगाह में धमाल (एक सूफी रस्म) की रस्म निभाई जा रही थी। सेहवन के थानाध्यक्ष रसूल बख्श ने हमले में 100 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है।
तालुका अस्पताल अधीक्षक के हवाले से डॉन ने बताया है कि कम से कम 50 शव और सौ से ज्यादा घायल अस्पताल लाए गए हैं।
ईधी फाउंडेशन के फैजल ईधी के अनुसार, बाकी शवों को हैदराबाद व जमशोरो के अस्पतालों में भेजा गया है। क्षेत्र के सभी अस्पतालों में आपातकाल घोषित कर दिया गया है।
गंभीर रूप से घायलों को लियाकत मेडिकल कॉम्प्लेक्स और उप जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटनास्थल से सबसे करीब अस्पताल 40 से 50 किमी की दूरी पर होने के कारण कई लोगों ने समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण दम तोड़ दिया।
हमलावर के महिला होने की आशंका
हमलावर के महिला होने की आशंका है, क्योंकि धमाका दरगाह के जिस हिस्से में हुआ वहां महिला जायरीन जमा थीं। चश्मदीदों ने बताया कि दरगाह में दो दरवाजे हैं। लेकिन, एक ही दरवाजे पर मेटल डिटेक्टर लगा है।
वह भी खराब था। धमाके के बाद पुलिस भी घटनास्थल पर देर से पहुंची जिसके कारण हालात ज्यादा खराब हो गए। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने हमले की निंदा की है।
लाल शहबाज कलंदर 12वीं सदी के प्रसिद्ध सूफी दार्शनिक और कवि रहे हैं। कई कव्वाली में भी उनका जिक्र आता है। गौरतलब है कि पाकिस्तान में सूफी संप्रदाय के लोगों को निशाना बनाकर अक्सर हमले होते रहते हैं।
2005 के बाद से 25 से ज्यादा सूफी दरगाहों पर हमले हुए हैं। इनमें से ज्यादातर की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान ने ली है।
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