प्याज घोटाले में मार्कफेड सहित चारों विभाग दोषी

भोपाल। भोपाल में 2 करोड़ 3 लाख रुपए के बहुप्रतीक्षित प्याज घोटाले में मार्कफेड के अधिकारी ही नहीं, बल्कि खरीदी से लेकर उसके रखरखाव और नीलामी तक में शामिल रहे अन्य तीन विभाग नागरिक आपूर्ति निगम, बैरसिया तथा करोंद मंडी और खरीदी समितियां दोषी हैं। यदि चारों विभागों के अधिकारी काम में लापरवाही नहीं बरतते तो शासन को 2.03 करोड़ का नुकसान नहीं होता। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के प्रमुख सचिव को भेजी गई जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। कलेक्टर सुदाम खाडे ने यह रिपोर्ट गुरुवार को भेजी । इसमें कहा गया है कि मार्कफेड खरीदी गई 2 लाख 72 हजार 705 क्विंटल प्याज में से 17,417 क्विंटल प्याज का हिसाब नहीं दे सका है। नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी यदि राशन दुकानों पर प्याज सही समय पर पहुंचा देते तो 8001 क्विंटल प्याज सड़ने से बच जाती। करोंद और बैरिसया मंडी ने प्याज का भंडारण और रख-रखाव ठीक ढंग से नहीं किया, इससे प्याज एक माह में ही सड़ गई।

दोषियों को सस्पेंड किया जाएगा या पैसे की वसूली होगी, इसका निर्णय इसका निर्णय प्रमुख सचिव ही लेंगे।

वैज्ञानिक की रिपोर्ट से सामने आया सच

खरीदी गई कुल प्याज के आधार पर गायब प्याज का प्रतिशत 7.3 सामने आने पर चारों विभागों के अधिकारी 10 प्रतिशत प्याज के सड़ने, वजन हल्का होने की छूट का लाभ उठाकर बचना चाहते थे, लेकिन उनके मनसूबों पर राजमाता विजया राजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक के अभिमत ने पानी फेर दिया। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 180 दिनों तक प्याज का भंडारण करने की दशा में ही 9.22 से 12.72 प्रतिशत तक प्याज की मात्रा में कमी आती है। भोपाल में प्याज का भंडारण केवल 30 दिन ही किया गया।

ऐसे में छूट का लाभ मिल नहीं सका और सभी दोषी सामने आ गए।

इन कारणों से हैं सभी दोषी

1. मार्कफेड: सहकारी समितियों के माध्यम से 2,72,705 क्विंटल प्याज की खरीदी कराई, लेकिन वे 2,55,287 क्विंटल प्याज ही नागरिक आपूर्ति निगम को दे सके। मार्कफेड 17,417 क्विंटल प्याज कहां गई, इसकी जानकारी नहीं दे सका। गायब हुई प्याज से 1 करोड़ 39 लाख 34 हजार 344 रुपए का नुकसान सरकार को हुआ है।

इसके लिए मार्कफेड के मंडल प्रबंधक अजय सिंह दोषी हैं।

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