जाने माने पत्रकार दिलीप पड़गांवकर का शुक्रवार को बीमारी की वजह से निधन हो गया। वह जम्मू कश्मीर पर वर्ष 2008 में बनाए गए तीन सदस्यीय वातार्कार समूह के सदस्य रहे थे।
एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार समूह के पूर्व संपादक 72 वषीर्य पड़गांवकर पिछले कई सप्ताह से अस्वस्थ थे। उन्होंने रूबी हाल क्लिनिक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली जहां पिछले सप्ताह उन्हें गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था। उनके पारिवारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। अस्पताल के मेडिकल सेवा विभाग के निदेशक संजय पथारे ने बताया कि वह वेंटीलेटर पर थे और उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। पहले ही दिन से वह डायलिसिस और वेंटीलेटर पर थे।
पुणे में हुआ था जन्म
पुणे में 1944 में जन्मे पड़गांवकर राजनीति शास्त्र में स्नातक थे।
पड़गांवकर 1968 में पीएचडी करने के बाद पेरिस संवाददाता के रूप में देश के एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार समूह से जुड़ गए। 1978 से 1986 के बीच उन्होंने बैंकॉक और पेरिस में यूनेस्को के साथ भी काम किया।
कश्मीर पर बने वार्ता समूह का हिस्सा रहे
वर्ष 2008 में घाटी में अशांति जारी रहने पर केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर पर गठित तीन सदस्यीय वार्ता समूह में भी उन्हें शामिल किया गया था। उन्होंने एक बार कहा था कि प्रधानमंत्री के बाद वह देश में सर्वाधिक महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने शोक जताया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रख्यात पत्रकार दिलीप पड़गांवकर के निधन पर शुक्रवार को शोक जताया। उन्होंने कहा कि वह एक प्रख्यात विचारक थे और पत्रकारिता में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, मिस्टर दिलीप पड़गांवकर एक प्रमुख विचारक थे, पत्रकारिता में जिनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उनके चले जाने से दुखी हूं।
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