फर्जी डिग्री विवाद: स्मृति ईरानी मामले पर मंगलवार को आ सकता है फैसला

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी मामले पर कोर्ट मंगलवार को फैसला सुना सकता हैं। अदालत में दाखिल याचिका में स्मृति ईरानी पर अपने चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया गया था।

आरोपों के मुताबिक स्मृति ने अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में जान-बूझकर गुमराह करने वाली जानकारी दी थी। इस मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चुनाव आयोग से स्मृति ईरानी के सर्टिफिकेट मांगे थे। चुनाव आयोग ने शनिवार को सर्टिफिकेट कोर्ट में जमा करा दिए हैं।

स्मृति पर आरोप है कि उन्होंने 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान दिए गए हलफनामे में गलत सर्टिफिकेट उपलब्ध कराये थे। कोर्ट ने चुनाव आयोग से सर्टिफिकेट पेश करने को कहा था।

 

स्वतंत्र लेखक अहमर खान की तरफ से की गई शिकायत की शुरूआती सुनवाई के दौरान अदालत को चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि शैक्षणिक योग्यता के बारे में ईरानी द्वारा दायर दस्तावेज नहीं मिल रहे हैं। बहरहाल उन्होंने कहा कि इस बारे में वेबसाइट पर सूचना मौजूद है।

अदालत के आदेश का पालन करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय ने भी ईरानी के 1996 के बीए पाठयक्रम से संबंधित दस्तावेज सौंपे थे क्योंकि 2004 के लोकसभा चुनावों में दायर हलफनामे में जिक्र रिकॉर्ड अब तक नहीं मिला है।

अदालत ने पिछले वर्ष 20 नवम्बर को शिकायतकर्ता की याचिका विचारार्थ स्वीकार कर ली थी। इसमें चुनाव आयोग और दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकारियों को ईरानी की योग्यता से संबंधित रिकॉर्ड लाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

शिकायतकर्ता का आरोप था कि इरानी ने जानबूझकर आयोग के समक्ष 2004, 2011 और 2014 में दायर हलफनामों में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में विसंगतिपूर्ण जानकारी दी थी लेकिन इस मामले में सवाल उठाये जाने के बावजूद कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया।

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