बाढ़ में भी घर नहीं छोड़ रहे यूपी बिहार के लोग

बिहार और उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति मंगलवार को और गंभीर हो गई. दोनों राज्य की प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.

राहत और बचाव के लिए इन राज्यों में एनडीआरएफ की 10 और टीमों को तैनात किया गया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बिहार में अब तक कम से कम 22 लोगों की मौत हुई है जबकि 23 लाख से ज़्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.

12 ज़िलों में नदी के किनारे से लगते इलाकों में पानी भरा हुआ है. ये जिले हैं, बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, लखीसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर और कटिहार.

भोजपुर ज़िले में सबसे ज़्यादा 12 लोगों की मौत हुई है जबकि वैशाली में 6 लोगों की मौत हुई है.

भागलपुर में दो जबकि बक्सर और लखीसराय में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है. राज्य में सात जगहों पर गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

इसके अलावा सोन नदी का पानी भी खतरे के निशान से करीब 129 सेंटीमीटर ऊपर है.

इधर उत्तर प्रदेश में मंगलवार को बाढ़ की स्थिति तब और बिगड़ गई जब नेपाल, मध्यप्रदेश और उत्तराखंड के सीमावर्ती इलाकों से छोड़े गए पानी ने नदियों का जलस्तर और बढ़ा दिया.

केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक इलाहाबाद के फाफामऊ, छतनाग, के अलावा मिर्जापुर, वाराणसी, गाज़ीपुर और बलिया में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

इसी तरह से यमुना का पानी भी बांदा के चिल्ला घाट और कालपी, इलाहाबाद के हमीरपुर और नैनी में खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है.

इसके अलावा बेतवा नदी का पानी भी हमीरपुर में और शारदा नदी का पानी पलियाकलां में खतरे के निशान से ऊपर है.

राष्ट्रीय आपदा राहत बल ने बाढ़ की स्थिति की निगरानी के लिए एक कंट्रोल रूम बनाया है.

लोग अपना घर छोड़ कर नहीं जाना चाहते इसलिए एनडीआरएफ ने दोनों राज्यों में कई बोट एंबुलेंस तैनात किए हैं. इनके जरिए लोगों तक इलाज़ और दवाइयां पहुंचाई जा रही हैं.

 

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