बाढ़ से बेहाल लोगों को भूकंप के झटकों ने हिलाया

बुधवार अपराह्न घड़ी की सूई चार बजकर आठ मिनट पर टिकी होगी। सरकारी कार्यालयों में कहीं काम तो कहीं गपशप चल रहा था। अचानक कुर्सियां हिलने लगीं। बाबू से लेकर अफसर तक सभी हिलने लगे। आवाज आई, अरे यह तो भूकंप का झटका है…। भागो…। वहां अफरातफरी मच गई।

कमोबेस यही नजारा हर कार्यालय का था। गली-मोहल्लों में भी भूकंप का खौफ दिखा। हर तरफ भूकंप की चर्चा। करीब 20 सेकेंड के झटके ने पिछले साल आए भूकंप के खौफ को याद करा दिया।

सर्वाधिक खौफ बाढ़ से बेहाल लोगों में दिखा। पहले ही घर छोड़ ऊंची जगहों पर शरण लिए लोग कहने लगे आखिर उनके साथ भगवान क्यों नाइंसाफी कर रहे हैं। वह कहां भागकर जाएं? बाढ़ राहत शिविरों में भूकंप के झटकों के बाद लोग भगवान को याद कर मुसीबत की इस घड़ी में मदद मांग रहे थे।

कई लोग मोबाइल लगाकर एक-दूसरे का कुशल-क्षेम जानने को लोग बेसब्र दिखे। अरे भाई, भूंकप आया था…। पता चला क्या…? हालांकि राह चलते कई लोगों को भूकंप के झटके महसूस नहीं हुए। मोबाइल पर मैसेज देखकर उन्हें पता चला कि शहर में भूकंप आया था।

अधिवक्ता अनीता पंडित ने बताया कि वे कोर्ट परिसर में कुर्सी पर बैठी थीं। अचानक लगा कि कुर्सी हिल रही है। पहले लगा कि कोई कुर्सी हिला रहा है लेकिन जैसे ही धरती के हिलने का अहसास हुआ कुर्सी छोड़कर बाहर आ गई। अधिवक्ता अंजनी कुमार दास ने बताया कि वे टाइपिस्ट के पास टाइप करा रहे थे। तभी भूकंप का अहसास हुआ। शिक्षक नीतीन मुकेश ने बताया कि वे आदमपुर थाने में बाइक चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने आए थे। लेकिन उन्हें भूकंप का झटका महसूस नहीं हुआ। लालूचक के पिंटू सिंह ने बताया कि भूकंप का हल्का झटका था। बूढ़ानाथ निवासी अनुमेह मिश्रा ने बताया कि भागलपुर पहले से ही बाढ़ से प्रभावित है। भूकंप का झटका प्रकृति की दोहरी मार है। उर्दू बाजार के अरूण मंडल ने बताया कि घर पर चौकी पर बैठे थे। चौकी हिली तो भूकंप का पता चला।

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