बाबरी मस्जिद विवाद के मुख्य मुद्दई हाशिम अंसारी का लंबी बीमारी के बाद यहां निधन हो गया। अंसारी ने अयोध्या के कोटिया स्थित आवास पर बुधवार की सुबह करीब 5.30 बजे अंतिम सांस ली। हाशिम के निधन की खबर सुनकर रामजन्मभूमि/बाबरी मस्जिद विवाद के तमाम पक्षकारों, विभिन्न दलों के राजनेताओं व विशिष्टजनों ने उनके आवास पर जाकर शोक संवेदना व्यक्त की।
हाशिम अंसारी के पुत्र इकबाल अंसारी ने बताया कि उनके पिता पिछले छह महीने से ह्रदय व सांस की बीमारी से पीड़ित थे। उनका इलाज लखनऊ के केजीएमयू से चल रहा था। पैर में चोट लगने के कारण वह चल पाने में भी असमर्थ थे। बुधवार को हाशिम ने सुबह उठने के बाद परिवार के सदस्यों से बातचीत की। पानी और बिस्किट मांगा। इसके बाद बिस्तर पर लेट गए। फिर थोड़ी देर बाद उनका निधन हो गया।
अंसारी अपने पीछे बेटे, बहू और तीन पौत्र व एक पौत्री का परिवार छोड़ गए हैं। उधर तीन दिन बाद हाशिम के भतीजे असलम की बेटी तरन्नुम की शादी थी लेकिन अब शादी की तैयारियों को विराम लग गया है। इस बीच हाशिम के बेटे इकबाल ने बताया कि उनके आवास से कुछ ही दूरी पर स्थित बिजली शहीद मस्जिद पर नमाजे जनाजा व मणि पर्वत स्थित शीश पैगम्बर कब्रिस्तान में शाम पांच बजे उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।
उधर हाशिम के निधन की खबर मिलते ही अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत ज्ञानदास, अयोध्या नरेश बिमलेन्द्र मोहन प्रताप मिश्र, प्रदेश के वन राज्यमंत्री तेज नारायण पाण्डेय पवन, रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सतेन्द्र दास शास्त्री, विराजमान रामलला के सखा मदन मोहन पाण्डेय, निर्मोही अखाड़ा के प्रतिनिधि रामदास, प्रभारी डीएम अरविंद मल्लपा बंगारी व एसएसपी मोहित गुप्त ने शोक संवेदना व्यक्त की। महंत ज्ञानदास व अयोध्या नरेश के साथ प्रशासन व पुलिस के अफसर हाशिम के घर पहुंचे और परिवार को ढांढस बंधाया।
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