भोपाल. भोपाल के बाढ़ पीड़ितों को राहत के तौर पर मिट्टी मिश्रित गेंहू वितरित करने के मुद्दे पर मध्यप्रदेश विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ. बाद में कांग्रेस सहित सभी विपक्षी सदस्य ने इस मुद्दे पर नारेबाजी करते हुए सदन से बहिर्गमन कर गये.
कांग्रेस के युवा विधायक जयवर्धन सिंह ने भोपाल के बाढ़ पीड़ितों को मदद के तौर पर मिट्टी और कंकड़ मिश्रित गेंहू वितरित करने का आरोप लगाते हुए यह मामला आज विधानसभा में शून्यकाल के दौरान उठाया. उन्होंने इसके लिये जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की भी मांग की.
सिंह के यह मामला उठाते ही कांग्रेस के विधायक भी सदन में मिट्टी मिले गेंहू के नमूने दिखाते हुए कहा कि बाढ़ पीड़ितों को इस तरह की मदद कर उनका मजाक उड़ाया जा रहा है. कांग्रेस विधायकों ने इसके लिये जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की. इसके बाद पक्ष विपक्ष के सदस्यों के बीच भारी शोरगुल होने लगा.
सिंह ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को बांटे गये गेहूं के 50 किलो के बैग में 20 किलो तक मिट्टी-कंकर मिली हुई थी. उन्होंने कहा कि जब प्रदेश की राजधानी भोपाल में यह हाल है तो प्रदेश के दूरदराज के इलाकों में स्थिति कितनी खराब होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. भाजपा के वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने भी इस मामले में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बाढ़ पीड़ितों को भोपाल में सड़ा गेंहू वितरित किया जा रहा है.
प्रदेश के संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि वह इस मामले में पहले ही जांच के आदेश दे चुके हैं और दोषियों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा. उन्होंने कहा कि पीड़ितों को बांटा गया गेंहू किसानों से लिया गया था. इस पर विपक्ष ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि इसमें किसानों को बदनाम नहीं किया जाये यह बिचौलियों की कारस्तानी है.
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