पहले चरण में 52 कॉलेजों की मान्यता निलंबित की गई थी। इस तरह अब तक 88 कॉलेजों की मान्यता निलंबित की जा चुकी है। इन सभी कॉलेजों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जवाब देने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है।
सबसे ज्यादा अरवल के छह कॉलेज
दूसरे चरण में बोर्ड की कमेटी ने 45 कॉलेजों की जांच की रिपोर्ट सौंपी हैं। इसमें 36 कॉलेजों की मान्यता निलंबित की गयी है।
इसके अलावा सुपौल के दो कॉलेजों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया है। भागलपुर और बेगूसराय के एक-एक कॉलेज को छह महीने का समय दिया गया है। मुजफ्फरपुर के एक, गोपालगंज के दो और नवादा के दो कॉलेजों की पुन: जांच का आदेश दिया गया है। इस बार सबसे ज्यादा अरवल के छह कॉलेजों को निलंबित किया गया है। पटना व गोपालगंज के चार कॉलेजों को निलंबित किया गया है।स्कूल की जगह कोचिंग
इन कॉलेजों की जांच में पाया गया कि त्रिमूर्ति उच्च विद्यालय, इस्माइलपुर, पुनपुन में कोचिंग और प्राइवेट स्कूल चलता हुआ पाया गया। एमआर वीमेंस महिला माध्यमिक विद्यालय, अरवल में कॉलेज तक जाने का कोई रास्ता नहीं था। इसके बाद भी मान्यता दे दी गई।
जांच में कई कॉलेजों को गलत तरीके से मान्यता दी गई थी। कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सही जवाब नहीं मिलने पर मान्यता रद्द कर दी जाएगी। गलत तरीके से जांच कर भेजने वाले पर प्राथमिकी दर्ज करायी जाएगी।
– आनंद किशोर, बोर्ड अध्यक्ष
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