बीड़ी श्रमिक की स्वास्थ्य सुरक्षा

भोपाल :प्रदेश में बीड़ी श्रमिकों के लिए अनेक स्वास्थ्य योजनाएँ संचालित हैं। बीड़ी/खदान श्रमिक चिकित्सालय में श्रमिकों एवं उनके आश्रितों को नि:शुल्क इलाज एवं दवा वितरण होता है। तेन्दूपत्ते की प्रचुर उपलब्धता के कारण मध्यप्रदेश का बीड़ी उद्योग में प्रमुख स्थान है।

हृदय एवं गुर्दा रोग से पीड़ित बीड़ी श्रमिक को 1000 रुपये प्रतिमाह का निर्वाह भत्ता, किडनी के इलाज के लिए 2 लाख रुपये तक और हृदय रोग के लिए 1 लाख 3 हजार रुपये तक की इलाज राशि का पुनर्भुगतान किया जाता है। बीड़ी श्रमिक के आश्रितों के अस्पताल में भर्ती होने पर केवल उपचार शुल्क का पुनर्भुगतान होता हैं। कैंसर ग्रसित श्रमिक को 9 माह तक 750 रुपये का निर्वाह भत्ता तथा इलाज खर्च का पुनर्भुगतान होता है। हार्निया, अपेडेक्ट्रामी, अल्सर, स्त्री रोगों और निस्सहाय कर देने वाली बीमारियों में अस्पताल में भर्ती होने पर 30 हजार रुपये तक पुनर्भुगतान किया जाता है। इसी तरह टीबी, कुष्ठ एवं मानसिक रोग उपचार में भी निर्वाह भत्ता देय है।

बीड़ी श्रमिक को चश्में के लिए 300 रुपये, प्रसूति( पहले दो बच्चों) पर 1000 रुपये, परिवार नियोजन ऑपरेशन करवाने पर 500 रुपये दिए जाते हैं। नि:शुल्क समूह बीमा योजना में बीड़ी श्रमिक की प्राकृतिक मृत्यु होने पर 10 हजार और दुर्घटना में मृत्यु होने पर 25 हजार रुपये और मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार के लिए 1500 रुपये की सहायता राशि दी जाती है। बीड़ी श्रमिक की विधवा अथवा विधुर को अपनी दो पुत्री के विवाह के लिए 5000 रूपये की वित्तीय सहायता भी दी जाती है। बीड़ी श्रमिकों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मिल रहा है।

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