शाजापुर ! बूढ़ी मां को लाखों रुपए के कर्जे में डालकर एक बेटा रफू-चक्कर हो गया है। पीडि़ता ने मामले में प्रशासन से भी शिकायत की, लेकिन कोई हल नहीं निकला। वहीं कर्जदार का एक नोटिस और बूढ़ी महिला के हाथों में थमा दिया गया तो परेशान महिला ने न्यायालय की शरण लेना उचित समझा और मंगलवार को जिला न्यायालय पहुंचकर अभिभाषक को अपना दुखड़ा सुनाया। उल्लेखनीय है कि शाजापुर जिले के ग्राम पीरखेड़ी निवासी 70 वर्षीय लीलाबाई बरोड़ ने 11 मार्च 16 को जनसुनवाई में शिकायत की थी कि आईसीआईसीआई बैंक में फर्जी ढंग से उसके नाम का खाता खोलकर अज्ञात व्यक्ति द्वारा 3 लाख 21 हजार रुपए का लेनदेन किया गया है। पीडि़ता ने बताया कि आवेदन देने के बाद वह इंदौर की फायनेंस कंपनी में गांव के कन्हैयालाल के साथ पहुंची और उसे किस आधार पर नोटिस थमाया गया है इस मामले में कंपनी के कर्मचारियों से पूछताछ की। पीडि़ता ने बताया कि कंपनी कर्मचारियों ने रिकार्ड में जिस व्यक्ति का फोटो बताया वह उसका पुत्र है। पीडि़ता लीलाबाई ने बताया कि उसके पुत्र ने फर्जी ढंग से उसके नाम पर लोन लेकर चौपहिया वाहन खरीद लिया। पूरी घटना का खुलासा होने के बाद महिला ने जब अपने पुत्र से संपर्क करना चाहा तो उसने कुछ भी कहने की बजाय रफू-चक्कर होने में गनीमत समझी। महिला ने बताया कि अभी कुछ दिनों पूर्व ही उसे इंदौर की फायनेंस कंपनी से दोबारा नोटिस मिला है, जिसमें 15 प्रतिशत ब्याज सहित ऋण अदा किए जाने की चेतावनी दी गई है। पीडि़ता ने मामले में न्यायालय पहुंचकर अभिभाषक के माध्यम से प्रकरण की सुनवाई हेतु याचिका दायर करने को कहा है।
आत्महत्या के अलावा कुछ नहीं: आंसूओं से डबडबाती आंखें और बेटे के कृत्य से थर्राते हौंठों से लीलाबाई का कहना है कि वह पहले ही गांव में अकेली रहती है। और शासन से मिलने वाली पेंशन एवं 1 रुपए किलो के अनाज से गुजारा करती है। ऐसे में लाखों रुपए का कर्जदार बना दिया। पीडि़ता का कहना है कि वह 3 लाख से अधिक की राशि जो उसने ली ही नहीं है, उसका भुगतान कैसे करेगी। पीडि़ता का कहना है कि उसे न्याय नहीं मिला तो उसके पास आत्महत्या के अलावा कोई रास्ता नहीं रहेगा।
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