अगर आपके ट्रक का इंश्योरेंस खत्म हो रहा है तो यही मौका है जब आप थोड़े पैसे बचा सकते हैं। वजह है कि आपके ट्रक का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस या बीमा अगले महीने से महंगा हो सकता है। बीमा नियामक आईआरडीएआई (इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथाॅरिटी आॅफ इंडिया) ने एक अप्रैल से थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस प्रीमियम की दरों में 50 फीसदी तक की बढोतरी का प्रस्ताव दिया है। अगर यह प्रस्ताव जारी हो जाता है तो मौजूदा 15,365 रूपए वाला थर्ड पार्टी इंश्योरेंस 23,047 रूपए का हो जाएगा। यानि 50 प्रतिशत महंगा होगा।
कॉमर्शियल वाहनों में 7.5 टन-12 टन भार वहन क्षमता वाले ट्रकों को अब 23,047 रुपये का थर्ड पार्टी प्रीमियम भरना पड़ सकता है।
अभी यह 15,365 रुपये है। इसी प्रकार 12 टन-20 टन के ट्रकों का थर्ड पार्टी प्रीमियम 22,577 रुपये से बढ़कर 33,865 रुपये हो सकता है। जबकि 20-40 टन क्षमता के ट्रकों के लिए 24,708 रुपये के स्थान पर 37,062 रुपये थर्ड पार्टी प्रीमियम के बतौर अदा करने पड़ सकते हैं।
आपको बता दें कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 तथा मोटर वाहन नियमावली, 1989 के अनुसार सड़क दुर्घटना से प्रभावित/पीड़ित होने वाले लोगों (तीसरे पक्ष) के जान/माल के नुकसान की भरपाई व मुआवजे के लिए मोटर वाहन का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य है। जबकि खुद के नुकसान की भरपाई वाला ओन डैमेज इंश्योरेंस ऐच्छिक है। दोनों को मिलाकर समग्र (कंप्रेहेंसिव) मोटर बीमा पॉलिसी लेने पर थर्ड पार्टी हिस्से के तौर पर 30 फीसद राशि देनी पड़ती है।
इससे पहले केंद्र सरकार एक जनवरी, 2017 से ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन फिटनेस जांच व सर्टिफिकेट के शुल्कों में कई गुना बढ़ोतरी कर चुकी है। लर्निग लाइसेंस की फीस 30 के बजाय 200 रुपये, जबकि मोहलत अवधि के बाद डीएल नवीकरण की फीस 150 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये कर दी गई है। दुपहियों के फिटनेस टेस्ट के लिए नया शुल्क 60 रुपये के बजाय 200 रुपये (मैनुअल) व 400 रुपये (आटोमेटेड) है। इसी तरह तिपहियों का 200 रुपये के बजाय 400 व 600 रुपये तथा भारी वाहनों का 500 रुपये के बजाय 600 रुपये व 1000 रुपये कर दिया गया है। भारी विरोध के बाद अब सरकार ने राज्यों को इन दरों में अपने स्तर पर कमी करने का अधिकार दिया है। लेकिन किसी भी राज्य ने अभी तक बढ़ी दरें कम नहीं की हैं।
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