भोपाल। भोपाल सेंट्रल जेल से सिमी आतंकियों के फरार होने के मामले में कांग्रेस ने सोमवार को विधानसभा से बहिर्गमन किया। इस बारे में कांग्रेस विधायक शैलेंद्र पटेल ने सरकार से सवाल पूछा था, लेकिन विपक्षी सदस्यों का कहना था कि जेल मंत्री के जवाब में वो बातें शामिल नहीं हैं, जिनके बारे में पूछा गया है। भारी शोरगुल के बीच कांग्रेस सदस्य उठकर सदन से बाहर चले गए। कांग्रेस विधायक शैलेंद्र पटेल ने अपने प्रश्न के माध्यम से यह जानना चाहा था कि क्या शासन ने जिला जेलों के निरीक्षण के लिए पहले से कोई नियम बनाए हैं, क्या इन नियमों में कोई संशोधन किया गया है।
कांग्रेस विधायक ने यह भी जानना चाहा था कि पिछले दो सालों में जेल मंत्री, भोपाल कलेक्टर या उनके प्रतिनिधि और डीजी जेल ने कब-कब और कितनी बार भोपाल सेंट्रल जेल का निरीक्षण किया है और क्या सेंट्रल जेल से बंदियों के फरार होने की घटना के पीछे नियमित निरीक्षण न होना भी कारण रहा है। जेल मंत्री सुश्री कुसुम मेहदेले ने शैलेंद्र पटेल के प्रश्न का जवाब तो दिया, लेकिन वे उन तारीखों को स्पष्ट नहीं कर पाई जब उन्होंने, भोपाल कलेक्टर या डीजी जेल ने सेंट्रल जेल का निरीक्षण किया था। इस बात पर शैलेंद्र पटेल के साथ अन्य विपक्षी विधायक भी आ गए और नारेबाजी करने लगे।
नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि कांग्रेस सदस्य का प्रश्न इतना स्पष्ट है कि उसमें समझ में न आने वाली कोई बात ही नहीं है, मंत्री महोदया को भी स्पष्ट जवाब देना चाहिए। शोरगुल के बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने जेल मंत्री को ये निर्देश दिए कि जिन अधिकारियों को जेलों के निरीक्षण की जिम्मेदारी दी गई है, वे अपने दायित्वों के प्रति गंभीर रहें। लेकिन हंगामे के कारण अध्यक्ष की यह टिप्पणी सुनाई नहीं दी और कांग्रेसी सदस्य सदन से वॉकआउट कर गए।
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