भोपाल विवादित स्थल फतेहगढ़ किले का दरवाजा

भोपालहमीदिया अस्पताल परिसर में जिस स्थल को लेकर विवाद चल रहा है वह स्थल फतेहगढ़ किले का दरवाजा है। नवाब कालीन किले के दरवाजे होने के इसमें कई प्रमाण मौजूद हैं, जैसे इसमें लगी नुकीली मोटी कीलें और प्राचीर के बैलमेंट डिजाइन, जिसमें गन होल हैं।

यह स्पष्ट दर्शाते हैं कि यह किले का दरवाजा है। स्टेट आर्कलॉजिक डिपार्टमेंट के आर्कलॉजिस्ट डॉ अहमद अली ने बुधवार को सुबह और शाम को दो बार विवादित स्थल का निरीक्षण करने के बाद यह बात अधिकारियों से कही।  यह दरवाजा आज से 200 साल पुराना है, उस समय इस जमीन पर फतेहगढ़ किला हुआ करता था।

दरवाजे पर जो पट्टिका लगी है, उससे पता चलता है कि अंग्रेजों ने 1914 से 1919 तक चले प्रथम विश्व युद्ध में भोपाल रियासत से सहायता मांग्गी थी।

नवाब ने अपनी 994 सैनिक की एक टुकड़ी को इसी दरवाजे से युद्ध में हिस्सा लेने भेजा था। उसमें से 36 सैनिक शहीद हो गए थे। उनकी याद को जिंदा रखने के लिए किले के दरवाजे पर ही यह शिला पट्टिका लगाई गई थी। यह स्थल शहीदों का स्मारक भी नहीं है।

सरकारी रिकार्ड में नहीं मिल रहे धार्मिक स्थल के प्रमाण

इधर, जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि सरकारी रिकार्ड में भी यहां धार्मिक स्थल होने के प्रमाण नहीं मिल रहे हैं। रिकार्ड को खंगालने का काम जारी है।

शिला में लिखे स्टेट शब्द को किया क्षतिग्रस्त

विवादित स्थल की सही स्थिति बयां करने वाली शिला को भी उपद्रवियों ने खुर्द बुर्द करने का प्रयास किया है। उसमें लिखे स्टेट शब्द को भी खोद दिया गया है, जिससे वह पढ़ने में नहीं आ रहा है। हालांकि प्रशासन के अधिकारियों ने इस शिला की तस्वीरें पहले ही खिंचवा लीं थी, ताकि दिक्कतें न हों।

 

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