मजदूर का बेटा ISRO का साइंटिस्ट बन गया

मथुरा/यूपी। बेल्डिंग मजदूर पूरन सिंह का बेटा कृष्ण गोपाल बचपन में कागज के रॉकेट बनाकर उड़ता था। किसी को क्या पता था कि एक दिन वो असली का रॉकेट बनाएगा। 3 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों की प्रतियोगिता परीक्षा (COMPETITION EXAMINATION) में कृष्ण गोपाल ने टॉप 300 में रेंक किया और पहले ही अटेम्पट में इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) में साइंट‍िस्ट की पोस्ट पर सिलेक्शन हो गया। INTERVIEW के बाद कृष्ण गोपाल देश भर के 34 टॉपर्स में एक है।

बचपन से था रॉकेट उड़ाने का शौक

बता दें, मथुरा के रिफाइनरी नगर के गोपाल पूरा गांव निवासी पूरन सिंह वेल्डिंग मजदूर हैं। वेल्डिंग कर के परिवार का पालन-पोषण करते हैं। इनके के बड़े बेटे कृष्ण गोपाल को बचपन से ही रॉकेट उड़ाने का शौक था। इसके लिए पिता अपना पेट काटकर उसे पढ़ा रहे थे। कृष्ण गोपाल ने यूपी बोर्ड से इंटर का एग्जाम पास कर गाजियाबाद में मैकेनिकल से बीटेक किया। इसी साल फरवरी में इसरो में निकली साइंटि‍स्ट की वैकेंसी के लिए एग्जाम दिया और पहले ही अटेम्पट में सिलेक्ट हो गया।

कृष्ण गोपाल की ये है ड्रीम

बता दें, पहली बार इसरो की एग्जाम देने वाले कृष्ण गोपाल ने देश भर के 3 लाख से ज्यादा कैंडिडेट्स में से 300 टॉपर्स में अपना नाम लिखा है। इसके बाद 22 सितंबर को दिल्ली में हुए इंटरव्यू में देश भर से चुने गए 34 एप्लीकेशन में एक कृष्ण गोपाल थे। कृष्ण गोपाल अपनी दोनों बहनो को भी आगे ले जाना चाहता हैं, उनकी इच्छा है कि वो ऐसा रॉकेट बनाएं, जिसका तोड़ वर्ल्ड में किसी के पास न हो।

Be the first to comment on "मजदूर का बेटा ISRO का साइंटिस्ट बन गया"

Leave a comment

Your email address will not be published.


*


error: Content is protected !!